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यूपी विधानसभा चुनाव 2022, उन्नाव सदर विधानसभा का नहीं हुआ अपेक्षित विकास, जाने वर्तमान स्थिति

उन्नाव की सदर विधानसभा में भले ही जनपद मुख्यालय हो लेकिन इसका अपेक्षित विकास नहीं हुआ है। मुख्यालय होने के बाद भी नगर पालिका क्षेत्र के लोग बिजली पानी सड़क के लिए परेशान है। जाने सदर विधानसभा की वर्तमान स्थिति, मतदाताओं से लेकर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी।

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यूपी विधानसभा चुनाव 2022, उन्नाव सदर विधानसभा का नहीं हुआ अपेक्षित विकास, जाने वर्तमान स्थिति

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

उन्नाव. विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है। प्रशासन से लेकर राजनीतिक क्षेत्र में चहलकदमी तेज हो गई है। योगी सरकार में शामिल मंत्री व विधायक दल बदलने लगे हैं। अंतिम मतदाता सूची भी प्रकाशित हो चुकी है। आइए जानते हैं उन्नाव जिले की सदर विधानसभा 165 के विषय में पूरी जानकारी

मतदाताओं की संख्या

सदर विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 409053 है। इसमें 222136 पुरुष और 186889 महिला मतदाता शामिल है। जबकि थर्ड जेंडर की संख्या 28 है। सदर विधानसभा के पूर्व दिशा में पुरवा, पश्चिम में गंगा नदी, उत्तर में मोहान और सफीपुर विधानसभा जबकि दक्षिण में भगवंत नगर विधानसभा है। जिले में कुल 6 विधानसभा हैं।

भू माफियाओं ने बिगाड़ा यहां का स्वरूप

भौगोलिक स्थिति के विषय में बात की जाए तो विधानसभा किसी बाहुल्य क्षेत्र है। सदर विधानसभा होने के नाते जिले का मुख्यालय भी यहीं पर है। इसके बावजूद यहां का अपेक्षित विकास नहीं हुआ है। अनियमित बेतरतीब बेतरतीब प्लाटिंग से रिहायशी मकानों की हालत खस्ता है। रास्तों को पाटकर मकान बना लिए गए। भू माफियाओं ने सरकारी जमीन को सरकारी कर्मचारियों की मदद से कब्जा कर लिया और भोले भाले अनजान जनता को बेच रहे हैं। जब तक उनकी कुछ समझ में आता है। तब तक वह अपने जीवन की कमाई लूटा बैठते हैं।

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औद्योगिक क्षेत्र

मुख्यालय का अपना औद्योगिक स्वरूप है। दही थाना, अकरमपुर और बंथर बंद को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया है। लेकिन इनमें अधिकांश टेनरी स्लाटर हाउस के साथ शराब मिल, जूते, चप्पल, कपड़ा, गद्दा आदि की फैक्ट्री संचालित है।

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स्वास्थ्य सेवाएं

लखनऊ कानपुर के बीच होने के कारण जिले को डॉक्टरों के रूप में अच्छी संख्या मिली है। लखनऊ कानपुर में नर्सिंग होम चलाने वाले सरकारी डॉक्टर ***** पंजा लगाकर जिले में अपनी तैनाती करा ली है। शासनादेश के विपरीत अधिकांश डॉक्टर जनपद मुख्यालय में नहीं रहते हैं। यहां पर जिला अस्पताल के साथ ट्रामा सेंटर भी बनाया गया है। लेकिन उस पर भी प्रस्तुति लगा है।