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धरने पर बैठे छात्रों ने किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को किया याद तीस घंटे मेनहत के बाद बना था शॉल पत्रिका से खास बातचीत करते हुए डिजाइनर ने जानकारी देते हुए बताया कि यह शॉल को लगातार तीस घंटे की मेहनत का नतीजा जिसे उन्होंने बिना रुके थके शाहजहांपुर के डीएम इंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर तैयार किया था। इस शॉल की डिजाइन परिकल्पना व निर्माण निर्देशन मेरे और मेरे पति का है। राठौर दंपत्ति ने कहा कि महात्मा गांधी की दांडी यात्रा का मोटिव्स उन्होंने इस शॉल के जरी के धागों और रेशम से उतारा है जो आजादी के अमृत महोत्सव की सोच के साथ मेल खाता है।
तिरेंगे और देश की राष्ट्रीय पुष्प से सजा डिजाइनर वंदना राठौर ने कहा कि शॉल के बॉर्डर में तिरंगे के रंगों और देश के राष्ट्रीय पुष्प कमल के फूल की आकृति का संयोजन इसे बेमिसाल बना देता है। मेरे निर्देशन में शिल्प कारीगर – फहीम रज़ा, नुसरत हूसैन, आमिर, ताहिर, आरिफ हूसैन, उस्मान अली, अनवर रज़ा व आरती द्वारा बरेली में बनाया गया था। यह शॉल इतनी सारी खूबियों की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस कदर रास आया कि जब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें इस कार्यक्रम में भेंट किया तब प्रधानमंत्री ने इसे सहर्ष स्वीकार ते हुए पूरे कार्यक्रम के दौरान इसे पहने रखा था ।
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शहीद जवान नंद लाल यादव की पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब इस साल को बनाने वाले शिल्प कारीगरों का शायद यह सबसे बड़ा मूल्य है मान है जिसे प्रधानमंत्री ने बिना दिए ही अदा कर दिया। यह मान इसलिए भी खास हो जाता है क्योंकि जग जाहिर है की पीएम मोदी खुद अपने सूट का फैब्रिक, कलर और डिजाइन सेलेक्ट करते हैं ।