
दहेज के लिए मायावती की भतीजी को बनाया शिकार
Mayawati Niece Files Dowry Harassment: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार मामला राजनीति से अधिक पारिवारिक विवाद का है। मायावती की भतीजी एलिस ने अपने पति विशाल, सास पुष्पा देवी और ससुर श्रीपाल सिंह के खिलाफ गंभीर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया है। इस मामले में न केवल दहेज की मांग बल्कि मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना, यहां तक कि अत्यंत संवेदनशील और अमानवीय आरोपों की भी बात सामने आई है।
एलिस का विवाह 9 नवंबर 2023 को हापुड़ के बैंक कॉलोनी निवासी पुष्पा देवी के पुत्र विशाल के साथ हुआ था। शुरुआत में सब सामान्य लगा, लेकिन जल्द ही हालात बिगड़ते चले गए। एफआईआर में एलिस ने आरोप लगाया है कि शादी के बाद ही उसके पति और ससुराल पक्ष ने उस पर गाजियाबाद के इंदिरापुरम में फ्लैट और 50 लाख रुपये दहेज में लाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
एलिस का दावा है कि उसका पति बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल करता था, जिससे वह नपुंसक हो गया और शारीरिक संबंध बनाने से कतराने लगा। इसके बाद ससुराल पक्ष ने उस पर अपने जेठ से संबंध बनाने का दबाव बनाना शुरू किया। जब उसने विरोध किया तो उस पर मारपीट की गई और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
जब पीड़िता ने इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी और रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया। इसके बाद 21 मार्च को एलिस ने एसपी से भी शिकायत की लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली। अंत में, थक-हार कर न्याय की आस में एलिस ने अदालत की शरण ली, जहां कोर्ट के आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया।
एफआईआर दर्ज होते ही बसपा प्रमुख मायावती ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी विशाल, उसकी मां पुष्पा देवी और पिता श्रीपाल सिंह को पार्टी से बाहर निकाल दिया। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन्हें अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के चलते निकाला गया है। हालांकि यह स्पष्ट है कि यह फैसला एफआईआर दर्ज होने के बाद लिया गया है।
बसपा जिलाध्यक्ष डॉ. एके कर्दम ने मीडिया को बताया कि पुष्पा देवी हापुड़ नगर पालिका की चेयरमैन रही हैं और बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। उनके पति श्रीपाल सिंह आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे थे, वहीं बेटा विशाल पार्टी गतिविधियों में सक्रिय था।
बावजूद इसके इनकी गतिविधियों को लेकर पार्टी में असंतोष था और कई बार चेतावनी भी दी गई थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए यह मुद्दा अब राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा का विषय बना हुआ है। कहीं लोग मायावती की त्वरित कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं, तो कुछ इसे "डैमेज कंट्रोल" मान रहे हैं। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है, और सोशल व पॉलिटिकल लेवल पर इस खबर की गूंज लंबी हो सकती है।
Published on:
12 Apr 2025 08:20 am
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