7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Satyagraha: संविदा कर्मियों की छंटनी पर प्रदेश व्यापी सत्याग्रह: विद्युत मजदूर संगठन ने 3 दिसंबर को आंदोलन का ऐलान किया

Satyagraha: संविदा कर्मियों की छंटनी और प्रबंधन के वादाखिलाफी के खिलाफ एक दिवसीय सत्याग्रह का निर्णय। प्रदेश भर में संविदा कर्मियों की छंटनी के खिलाफ आंदोलन।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Nov 17, 2024

प्रदेश भर में संविदा कर्मियों की छंटनी के खिलाफ आंदोलन

प्रदेश भर में संविदा कर्मियों की छंटनी के खिलाफ आंदोलन

Satyagraha: विद्युत संविदा मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश ने प्रदेश के संविदा कर्मियों की छंटनी के विरोध में एक दिवसीय सत्याग्रह का आयोजन करने का निर्णय लिया है। यह सत्याग्रह 3 दिसंबर 2024 को राज्य के सभी जिलों में आयोजित किया जाएगा। संगठन की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक लखनऊ स्थित हमबरा अपार्टमेंट नरही में संगठन के केंद्रीय कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष नवल किशोर सक्सेना ने की।

यह भी पढ़ें: UP Politics: सपा नेता उदयवीर सिंह का पलटवार: केशव मौर्य को कोई पूछ नहीं रहा, उनकी गिनती नहीं

बैठक में प्रमुख मुद्दे और मांगे

बैठक के दौरान कई वरिष्ठ मजदूर नेताओं और प्रतिनिधियों ने संविदा कर्मियों के हितों की अनदेखी और उनकी छंटनी पर गहरी नाराजगी जताई। वक्ताओं ने कहा कि संविदा कर्मियों की छंटनी न केवल उनके जीवन-यापन पर असर डाल रही है, बल्कि प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या को भी बढ़ा रही है।

प्रमुख मांगे, न्यूनतम वेतन की मांग

संगठन के संरक्षक आरएस राय ने आउटसोर्सिंग से कार्यरत श्रमिकों के लिए न्यूनतम 22,000 रुपये और लाइनमैन, एसएसओ तथा कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए 25,000 रुपये वेतन निर्धारित करने की मांग की।

यह भी पढ़ें: UP Politics: राम मंदिर: हमारी विरासत, सपा की खान मुबारक और मुख्तार - सीएम योगी का तीखा प्रहार

पुनः नियुक्ति

मार्च 2024 की हड़ताल में शामिल न होने के बावजूद हटाए गए संविदा कर्मियों को तत्काल वापस लेने की अपील की गई।

सेवा अवधि और स्थायित्व

संविदा कर्मियों की सेवा अवधि को नियमित कर्मचारियों की भांति 60 वर्ष तक करने और 5 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत कर्मियों को नियमित रिक्त पदों पर समायोजित करने की मांग की गई।

यह भी पढ़ें: New Year Gift IAS Promotion: नए साल में 115 आईएएस अफसरों को मिलेगा प्रमोशन का तोहफा: प्रमुख सचिव, सचिव और अन्य पदों पर होंगे नियुक्त

कार्य सुविधाएं

असिस्टेंट बिलिंग के कार्य के लिए संविदा कर्मियों को विभागीय मोबाइल और अन्य सुविधाएं देने की मांग।

नियमावली निर्माण

संविदा कर्मियों के लिए स्पष्ट नियमावली बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

संगठन का आक्रोश और अगली रणनीति

बैठक में वक्ताओं ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में किए गए समझौतों को लागू नहीं किया गया है। संगठनों ने कहा कि संविदा कर्मियों के हितों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संघ के प्रदेश अध्यक्ष नवल किशोर सक्सेना ने कहा, "संविदा कर्मी बिजली विभाग की रीढ़ हैं। उन्हें इस तरह से छांटना अन्यायपूर्ण है। सत्याग्रह के माध्यम से हम सरकार और प्रबंधन तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे।"

यह भी पढ़ें: UP Free Electricity Scheme: मुफ्त बिजली योजना को लेकर अधिकारी कर रहे खेल, जानें कारनामे

विरोध के व्यापक कारण, बढ़ती बेरोजगारी

वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मियों को अचानक बेरोजगार किया जा रहा है।

असमान वेतन

9 से 10 हजार रुपये की अल्प वेतन राशि पर काम करने वाले कर्मियों को उचित वेतन नहीं मिल रहा।

यह भी पढ़ें: Prayagraj MahaKumbh 2025: लखनऊ में 1090 चौराहे पर भव्य सेल्फी प्वाइंट का उद्घाटन, आमजन का केंद्र बिंदु

कर्मचारियों की कमी

प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के बावजूद कर्मियों की भर्ती में कमी है।

कार्य संतुलन

छंटनी के कारण बढ़े हुए काम का बोझ बचे हुए कर्मियों पर पड़ रहा है।

सत्याग्रह का उद्देश्य

यह सत्याग्रह संविदा कर्मियों की आवाज को सशक्त बनाने और सरकार तथा प्रबंधन को चेताने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। यह आंदोलन सभी जिलों में शांतिपूर्ण होगा और इसके माध्यम से कर्मियों की जायज मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

यह भी पढ़ें: Dev Deepawali: सोशल मीडिया पर भी छाई काशी की देव दीपावली, #DevDeepawali2024 हैशटैग टॉप ट्रेंड में, देखें खूबसूरत तस्वीरें

बैठक में शामिल प्रमुख नेता

बैठक में विद्युत मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विमल चंद्र पांडे, उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, संगठन मंत्री राजीव रंजन राय, उत्पादन अध्यक्ष सतीश तिवारी, और प्रदेश प्रभारी पुनीत राय सहित कई वरिष्ठ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

संविदा कर्मियों के समर्थन में बढ़ता जनसमर्थन

संगठन के नेताओं ने विश्वास जताया कि सत्याग्रह को प्रदेश भर से समर्थन मिलेगा। अन्य मजदूर संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने भी संविदा कर्मियों के साथ एकजुटता व्यक्त की है।