
Yogi Adityanath Takes Charge of UP By-elections
UP Byelections: उत्तर प्रदेश के उपचुनावों की तारीख नज़दीक आते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनावी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। राज्य के 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होनी है, और भाजपा हर सीट पर जीत हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो भाजपा के सबसे बड़े प्रचारकों में से एक माने जाते हैं, खुद मैदान में उतरेंगे और 18 रैलियां करके पार्टी की जीत सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे।
यह कदम उस समय उठाया गया है जब भाजपा विपक्ष के पीडीए फॉर्मूले (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वोट बैंक) को चुनौती देने के लिए तैयार है। भाजपा इन उपचुनावों को हाल के लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद बने भ्रम को दूर करने के अवसर के रूप में देख रही है। इसी उद्देश्य से पार्टी ने एक व्यापक रणनीति तैयार की है, जो जातीय समीकरणों और हर सीट की विशेषताओं पर आधारित होगी।
उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 18 अक्टूबर से शुरू हो गई है, और 25 अक्टूबर नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है। नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर को होगी और उम्मीदवार 30 अक्टूबर तक अपने नाम वापस ले सकेंगे। 13 नवंबर को मतदान होगा, और मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।
इस चुनाव में यूपी की 9 सीटों – कटेहरी, करहल, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, सीसामऊ, गाजियाबाद, मझवां और खैर में मतदान होना है। पार्टी ने इन सभी सीटों के लिए जातिगत समीकरणों के आधार पर रणनीति तैयार की है। सीएम योगी हर सीट पर दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी जनसभाएं करेंगे। साथ ही, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। धर्मपाल सिंह चुनाव प्रचार को गति देने के लिए संगठनात्मक बैठकों के अलावा लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय में बने 'वॉर रूम' का संचालन करेंगे। यह वॉर रूम पूरे चुनाव अभियान की निगरानी करेगा और नौ विधानसभा सीटों पर चल रहे प्रचार अभियान को नियंत्रित करेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को हर बूथ पर मजबूत उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार करने पर जोर दिया है। भाजपा अपने "हिंदुत्व मंत्र" "बटेंगे तो कटेंगे" के आधार पर चुनावी मैदान में उतर रही है। इन उपचुनावों में भाजपा की नज़र सिर्फ 9 सीटों पर जीत हासिल करने पर ही नहीं, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत करने पर भी है।
Published on:
22 Oct 2024 07:52 am
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