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अखिलेश यादव ने पीएम नरेन्द्र मोदी के अस्त्र को बेकार करने के लिए खेल दिया बड़ा दांव

लोकसभा चुनाव 2019 की लड़ाई हो गयी बेहद दिलचस्प, जानिए क्या है कहानी

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PM Narendra Modi and Akhilesh Yadav

PM Narendra Modi and Akhilesh Yadav

वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी के सबसे बड़े अस्त्र को बेकार करने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दांव खेल दिया है। सातवे चरण के नामांकन के लिए दिन ही अखिलेश यादव ने बड़ा ऐलान किया है। सपा के इस कदम से चुनाव पर क्या असर पड़ता है यह तो 23 मई को पता चलेगा। इतना अवश्य है कि पूर्वांचल की 26 सीटों पर समाजवादी पार्टी के दांव का असर पड़ सकता है।
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बीजेपी ने राष्ट्रवाद, सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक को बड़ा मुद्दा बनाया हुआ है। अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन से लेकर राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस ने बीजेपी पर सेना के नाम का उपयोग करके वोट मांगने का आरोप लगाया है और चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में इस बात की शिकायत हुई है। राष्ट्रवाद का मुद्दा बना कर बीजेपी चुनाव में खड़ी है जिसके चलते जाति व अन्य मुद्दे पीछे छूट सकते हैं। ऐसे में अखिलेश यादव ने बीजेपी के सबसे अस्त्र को बेकार करने के लिए बड़ा दांव खेला है। अखिलेश यादव ने नामांकन खत्म होने से एक मिनट पहले शालिनी यादव का टिकट काट कर तेज बहादुर यादव को प्रत्याशी बना दिया है। बीएसफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को टिकट देकर सपा ने सेना के मुद्दे को अपने पक्ष में कोशिश की है। पूर्वांचल की 26 सीटों पर मई के अंतिम तीन चरण में मतदान होने हैं। ऐसे में तेज बहादुर यादव को टिकट देकर सपा ने सेना व देशभक्ति को मुद्दे पर खुद को आगे रखने की पहल की है।
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सपा को मिल गया चौकीदार मुद्दा को भुनाने का मौका
पीएम नरेन्द्र मोदी ने चौकीदार को भी बड़ा मुद्दा बनाया हुआ है। बनारस से नामांकन करने से पहले ही तेज बहादुर यादव ने ऐलान किया था कि वह असली चौकीदार है जबकि पीएम नरेन्द्र मोदी नकली चौकीदार है। अभी तक सपा इन मुद्दे को भुना नहीं पायी है लेकिन अब अखिलेश यादव से लेकर मायावती अब तेज बहादुर यादव के सहारे सेना, चौकीदार व देशभक्ति के साथ भ्रष्टाचार के मुद्दे को भी भुना सकेंगे। बनारस का चुनाव अब दिलचस्प हो चुका है। पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ अजय राय, तेज बहादुर यादव के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल सकता है।
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