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सभासद पिता की जेल में हुई थी हत्या, बेटे ने चुनाव जीत कर किया सपना पूरा

सपा से नहीं मिला टिकट तो बागी बन कर किया प्रचार, जानिए क्या है कहानी

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Ankit Yadav

Ankit Yadav

वाराणसी. निकाय चुनाव का परिणाम आ चुका है और विभिन्न पार्टी हार व जीत को लेकर मंथन में जुटे हुए हैं। इस चुनाव में कुछ ऐसे भी प्रत्याशी है जिनकी कहानी बेहद दिलचस्प है। वार्ड नम्बर ७२ पानदरीबा का रिजल्ट भी कुछ इसी तरह का है। इस वार्ड से सपा के बागी अंकित यादव ने चुनाव जीता है।
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सपा के पार्षद रहे बंशी यादव के पुत्र अंकित यादव ने सपा के प्रत्याशी रविकांत को ३२५ मतों से चुनाव हराया है। अंकित ने सपा से टिकट मांगा था लेकिन उसे टिकट नहीं मिल पाया था इसके बाद बागी होकर चुनाव लड़ा और जीत कर पिता का सपना पूरा किया। अंकित के पिता बंशी यादव भी इसी वार्ड से सभासद थे और आपराधिक मुकदमे के चलते जेल में बंद थे। सपा की सरकार के समय ९ मार्च २००४ को जेल के द्वार पर ही बंशी यादव की बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी इस घटना में तत्काल समय के चर्चित अन्नू त्रिपाठी, बाबू यादव आदि बदमाशों का नाम आया था। बाद में अन्नू त्रिपाठी को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेजा था और जेल में ही अन्नू त्रिपाठी की बैरक में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।
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सभासद बन कर किया पिता का सपना पूरा
बंशी यादव ने पुलिस से बचने के लिए ही राजनीति का दामन थामा था, लेकिन बंशी यादव को नहीं पता था कि सभासद बनने के बाद भी उसकी जान नहीं बच पायेगी। बंशी यादव के बेटे अंकित ने राजनीतिक दुनिया में प्रवेश करने के लिए ही निकाय चुनाव लड़ा था। पिता के क्षेत्र में बेटे ने मेहनत की और सफलता भी मिल गयी है। खास बात रही कि रविकांत पहले भी चुनाव जीत चुके थे और उन्हें हराना आसान नहीं था इसके बाद भी अंकित यादव ने निर्दल प्रत्याशी बन कर पिता की तरह सभासद की कुर्सी पर कब्जा कर लिया है।
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