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पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में रेलवे का हुआ कायाकल्प, इतना लग रहा पैसा

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने बतायी मिलेगी कैसी सुविधा, कब तक पूरा होंगे बड़े प्रोजेक्ट

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Cantt Railway station

Cantt Railway station

वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के रेलवे पर खास ध्यान दिया है, जिसके चलते रेलवे स्टेशन से लेकर रेल संचालन में बड़ा बदलाव आ रहा है। सैकड़ों करोड़ के प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिसमे से कुछ पूरे हो गये हैं और अन्य प्रोजक्ट जल्द ही खत्म होने वाले हैं। मंगलवार को बनारस में चले रहे प्रोजेक्ट का जायजा लेने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव आये थे उन्होंने कैंट रेलवे स्टेशन व मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर प्रोजेक्ट की प्रगति जानी है।
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रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव ने बताया कि बनारस से प्रतिदिन लगभग 220 ट्रेन जाती है। वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के विकास पर 570, मंडुआडीह स्टेशन पर 100 करोड़, वाराणसी सिटी पर 50 करोड़ व सारनाथ रेलवे स्टेशन के विकास पर पांच करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। मंडुआडीह रेलवे स्टेशन की देश भर में चर्चा हो रही है। यहां पर कैंट स्टेशन से हटा कर चार जोड़ी ट्रेन चलायी जा रही है जल्द ही चारी जोड़ी और ट्रेन चलेगी। मार्च 2020 तक इस स्टेशन का काम पूरा हो जायेगा। इसके बाद कैंट रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का लोड कम होगा। इसके बाद ट्रेनों को समय से चलाने व नयी ट्रेन चलाने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
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अक्टूबर के बाद कैंट रेलवे स्टेशन से नहीं गुजरेंगी 60 प्रतिशत मालगाड़ी
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बताया कि कैंट स्टेशन पर मालगाड़ी के चलते भी बहुत लोड रहता है जिसका असर यात्री ट्रेनों के समय से परिचालन पर पड़ता है। शिवपुर के पास काम चल रहा है जिसके पूरा होते ही 60 प्रति मालगाड़ी बिना कैंट रेलवे स्टेशन आये ही मुगलसराय निकल जायेगी। अक्टूबर तक यह काम हो जायेगा। इसके बाद मालगाड़ी के चलते यात्री ट्रेन लेट नहीं होगी।
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कैंट रेलवे स्टेशन के सेकेंड इंट्री के विकास पर खर्च होंगे 350 करोड़
कैंट रेलवे स्टेशन के सेकेंड इंट्री के विकास पर कुल 350करोड़ खर्च होंगे। इसका प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है। रक्षा विभाग से जमीन को लेकर कुछ समस्या है, जो जल्द ही सुलझा ली जायेगी। उन्होंने कहा कि सेकेंड इंट्री के आरंभ हो जाने से शहर के एक बड़े हिस्से को रेलवे स्टेशन पहुंचने में कम समय लगेगा।
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जून 2020 के बाद से सभी ट्रेनों को मिलने लगेगी रियल टाइम जानकारी
ट्रेन को आउटर पर रोकने, सही लोकेशन नहीं मिलने व रेलवे से ट्रेन की गलत जानकारी मिलने के प्रश्र पर कहा कि इस पर भी काम चल रहा है। इसके लिए इसरो से सहमति बन चुकी है और प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है। प्रोजेक्ट जून 2020 तक पूरा हो जायेगा। इसके बाद प्रत्येक 30 सेकेंड में ट्रेन के रियल टाइम की जानकारी मिल जायेगी। इसी से किस ट्रेन को किस रूट पर जाना है इसका चार्ट भी ओटोमैटिक तैयार हो जायेगा। उन्होंने कहा कि कैंट रेलवे स्टेशन पर जब ट्रेन संचालन का लोड कम होगा। तभी स्टेशन की पूरी तरह से कायाकल्प हो जायेगा। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि कैंट रेलवे स्टेशन पर जल्द ही यात्रियों को इंटनेशनल स्तर की सुविधा मिलने लगेगी।
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