पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का मामला बनारस कोर्ट में लंबित है। इसी मामले में सोमवार को सुनवाई होनी थी। सुनवाई के दौरान ही एक पक्ष ने इस मामले के सुनवाई के क्षेत्राधिकार को तय करने को लेकर प्रार्थना पत्र दिया था जिसके बाद ही कोर्ट ने अगली तिथि निर्धिारित की है। अब अगली सुनवाई पर पता चलेगा कि इस मामले को लेकर कोर्ट का क्या निर्देश आता है।
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1991 में दायर हुआ था मुकदमा
प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योर्तिलिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ, अन्य पक्षकार पंडित सोमनाथ व्यास व अन्य ने ज्ञानवापी में नये मंदिर के निर्माण और हिन्दुओं के पूजापाठ के अधिकार को लेकर सबसे पहले 1991 में मुकदमा दायर किया था और कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर मंदिर का अंश है। इसके बाद पंडित सोमनाथ व्यास की मृत्यु हो जाने के बाद दिसम्बर 2019 में वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था जिसमे कहा गया था कि देश की आजादी के दिन पूरे परिसर का धार्मिक स्वरुप मंदिर था उन्होंने कोर्ट से सम्पूर्ण परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण रडार तकनीक से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से कराने की मांग की थी इसके बाद से बनारस कोर्ट में ही इस मामले की सुनवाई हो रही है।
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प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योर्तिलिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ, अन्य पक्षकार पंडित सोमनाथ व्यास व अन्य ने ज्ञानवापी में नये मंदिर के निर्माण और हिन्दुओं के पूजापाठ के अधिकार को लेकर सबसे पहले 1991 में मुकदमा दायर किया था और कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर मंदिर का अंश है। इसके बाद पंडित सोमनाथ व्यास की मृत्यु हो जाने के बाद दिसम्बर 2019 में वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था जिसमे कहा गया था कि देश की आजादी के दिन पूरे परिसर का धार्मिक स्वरुप मंदिर था उन्होंने कोर्ट से सम्पूर्ण परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण रडार तकनीक से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से कराने की मांग की थी इसके बाद से बनारस कोर्ट में ही इस मामले की सुनवाई हो रही है।
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