
dead body
वाराणसी. मां के लिए बेटे का शव छह माह बाद कब्रिस्तान से निकाला गया। आजमगढ़ के सरकारी अस्पताल के स्किन विभाग में कार्यरत डा.रफी की मौत दिसम्बर 2018 में हो गयी थी। मौत के बाद उन्हें बनारस के आदमपुर थाना क्षेत्र स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया था लेकिन मंगलवार को पुलिस व अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में कब्र से शव को निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
यह भी पढ़े:-नवग्रह वाटिका लगायेंगे पीएम नरेन्द्र मोदी, कार्यक्रम में हुआ बदलाव
सलेमपुर निवासी डा.रफी परवेज अपनी मौत से पहले आजमगढ़ स्थित ससुराल गये थे। वहां पर ससुराल वालों ने बताया कि डा.रफी परवेज बीमार हो गये हैं और इलाज के लिए वाराणसी ले जाया जा रहा है जहां पर उनकी मौत हो जाती है। मौत के बाद ससुराल व परिजनों ने शव को कब्रिस्तान में दफना दिया था। दफनाने से पहले शव की स्थिति को देख कर डा.रफी की मां अफरोज को शक हो गया कि उनके बेटे की बीमारी से मौत नहीं हुई है उनके बेटे को जहर दिया गया है। इसके बाद मां ने 25 फरवरी 2019 को आजमगढ़ के एसएसपी से भेंट की और बेटे की हत्या होने की आशंका जतायी। इसके बाद एडीजी बनारस व जिलाधिकारी तक यह मामला पहुंचा। अंत में निर्णय किया गया कि कब्रिस्तान से शव को निकाल कर उसका पोस्टमार्टम कराया जायेगा। इसके बाद मौत के सही कारण की जानकारी हो जायेगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण बीमारी निकलती है तो मां का संदेश दूर हो जायेगा। यदि रिपोर्ट में हत्या की संभावना जतायी जाती है तो आगे की विधिक कार्रवाई होने का रास्ता साफ हो जायेगा। जिला प्रशासन के निर्णय के बाद छह माह पूर्व मृत चिकित्सक का शव कब्रिस्तान ेसे निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। शव निकलाते समय आदमपुर पुलिस के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
यह भी पढ़े:-आलिया व रणबीर कपूर के बाद यहां की गर्मी से अरुणा ईरानी भी परेशान
Published on:
02 Jul 2019 04:12 pm
बड़ी खबरें
View Allवाराणसी
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
