मध्य प्रदेश में हो रही झमाझम बारिश से वहां के डैम लगातार खोले जा रहे हैं और वहां का पानी विभिन्न नदियों से होते हुए गंगा व वरुणा में पहुंच रहा है। इसके चलते गंगा नदी का पानी इस सीजन में सबसे अधिक ऊंचाई पर पहुंच गया है। इस साल पहली बार वार्निंग लेवल के उपर गंगा बह रही है जिससे सभी घाटों का सम्पर्क टूट गया है। मणिकर्णिका व हरिश्चन्द्र घाट पर शवदाह करने आने वालों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। गंगा व वरुणा का पानी निचले इलाकों में रहने वालों के घरों में घुस चुका है। इससे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। चौकाघाट, ढेलवरिया, सामनेघाट, मारुति नगर,खालिसपुर आदि जगहों में बाढ़ का पानी पहुंचने से वहां पर लोगों का पलायन शुरू हो चुका है।
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जलस्तर में बढ़ाव रहेगा जारी, एमपी से लगातार छोड़ा जा रहा पानी
मध्य प्रदेश में भारी बारिश के चलते वहां के ज्यादातर बांध भर चुके हैं और लगातार बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। केन नदी पर स्थित बरियारपुर बांध से डेढ़ लाख क्यूसेक, बेतवा नदी स्थित माताटीला बांध से साढ़े चार लाल क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसका असर दिखायी पडऩे लगा है। इसी तरह कानपुर और हरिद्वार के बैराज व नरौरा बांध से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जिसका असर भी गंगा व वरुणा पर पड़ेगा और जलस्तर में और वृद्धि होगी।
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जिला प्रशासन ने कसी कमर, फिर भी लोगों को नहीं मिल रही राहत साम्रगी
पिछले माह ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद बोट से गंगा के बढ़े हुए जलस्तर को देखा था और प्रभावितों को राहत साम्रगी बांटी थी। जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने पहले ही अधिकारियों को बाढ़ को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतने का निर्देश दिया था इसके बाद भी लोगों तक राहत साम्रगी नहीं पहुंच रही है। पहले आयी बाढ़ के बाद जो नाव लगायी गयी थी गंगा का जलस्तर कम होने पर उसे हटा दिया गया था इसके बाद फिर से नाव की समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है जिससे भी बाढ़ प्रभावितों की परेशानी बढ़ गयी है।
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