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वार्निंग लेवल के पास पहुंच कर स्थिर हुई गंगा, बस्तियों में भरा वरुणा का पानी

एहतियात के तौर पर तटवर्ती इलाकों की काटी गयी बिजली, २७ बाढ़ चौकियों पर एक्टिव हुए कर्मचारी

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Ganga Water Level

Ganga Water Level

वाराणसी. पिछले कई दिनों से लगातार बढऩे के बाद गंगा का जलस्तर अब स्थिर हो गया है। वार्निंग लेवल से कुछ सेंटीमीटर नीचे बह रही गंगा के पानी में फिर बढ़ाव हुआ तो बाढ़ आने का खतरा पैदा हो जायेगा। गंगा के बढ़े हुए जलस्तर के चलते वरुणा नदी भी उफान पर आ गयी है और वरुणा का पानी बस्तियों तक पहुंच चुका है। एहतियात के तौर पर तटवर्ती इलाकों की बिजली काट दी गयी है। जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने 27 बाढ़ चौकियां बनायी है, जहां पर कर्मचारी एक्टिव हो चुके हैं। बुधवार को केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर 69.97 था, जबकि वार्निंग लेबल 70.26 मीटर है। 1978 में गंगा का पानी 73.90 मीटर पहुंच गया था जो रिकॉर्ड अब तक नहीं टूटा है।
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IMAGE CREDIT: Patrika

पहाड़ों पर हो रही झमाझम बारिश के चलते ही गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। पानी बढऩे के चलते सबसे अधिक दिक्कत मणिकर्णिका घाट पर शवदाह करने वालों को हो रहा है। शवदाह का स्थान पानी में डूब चुका है इसलिए लोगों को गलियों में शव जलाने पड़ रहे हैं। गंगा घाट पर बना आरती स्थल पहले ही डूब चुका है और गंगा का पानी अब सामने घाट स्थित पटेल नगर में प्रवेश करने लगा है। इसके चलते सामने घाट पर रहने वाले अब वहां से पलायन करने की तैयारी में है। गंगा में संभावित बाढ़ को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम को पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है। टीम के सदस्य बाढ़ पर नजर रखे हुए हैं।
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वरुणा नदी के पानी ने किया है अधिक नुकसान
वरुणा नदी के पानी ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। नदी का पानी पहले ही बस्तियों में प्रवेश कर चुका है। वरुणा कॉरीडोर तो पहले ही डूब चुका था। अब 20 गांवों के सैकड़ों लोगों को बाढ़ के चलते अपना घर छोडऩा पड़ा है। गंगा का जलस्तर स्थिर होने से वरुणा में भी बढ़ाव रुक गया है यदि एक बार फिर गंगा का जलस्तर बढ़ता है तो वरुणा में आयी बाढ़ और घरों में प्रवेश कर जायेगी।
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