
Swami Avimuktashwaranand
ज्ञानवापी परिसर सर्वे में मिली शिवलिंगनुमा आकृति (विश्वेश्वर शिवलिंग) की नियमित पूजा से रोकने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने श्री विद्यामठ में अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहाकि, जब तक आदि विश्वेश्वर की पूजा की अनुमति नहीं मिलती अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे। साथ ही कोर्ट में याचिका दायर करने का ऐलान भी किया है। उन्होंने कहाकि, वो किसी तरह का अधिकार नहीं मांग रहे, बस इतना ही चाहते हैं कि ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंगनुमा आकृति की नियमित पूजा हो। चाहे वो कोई भी करे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने शनिवार सुबह उनके केदारघाट स्थित श्री विद्या आश्रम में ही रोक दिया। पुलिस ने श्री विद्यामठ को चारों तरफ से घेर रखा है।
जिला जज कोर्ट में दायर करेंगे याचिका
इस संबंध में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपने अधिवक्ता रमेश उपाध्याय के माध्यम से जिला जज की अदालत में आज स्वयंभू ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर की पूजा की अनिवार्य रूप से तत्काल अनुमति देने संबंधी याचिका दायर करेंगे। जिसमें यह है कि, यह जरूरी नहीं कि पूजा याची ही करें। कोई भी कर्मकांड ज्ञाता कर सकता है। साथ ही मामले पर तत्काल सुनवाई की जाए। क्योंकि, याची अन्न-जल त्याग कर अपने मठ में बैठे हैं।
आदि विश्वेश्वर का पुराना ज्योतिर्लिंग
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहाकि, ज्ञानवापी में मिली शिवलिंगनुमा आकृति हमारे आदि विश्वेश्वर का पुराना ज्योतिर्लिंग है। देवता की पूजा इसलिए की जाती है, क्योंकि उसमें प्राण होते हैं। भगवान को भूखा-प्यासा नहीं रखा जा सकता है। उनका स्नान, शृंगार, पूजा, भोग-राग नियमित होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा- 'हमारी छोटी सी मांग है कि हमें हमारे आराध्य की दिन में एक बार पूजा करने दें।
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पुलिस ने नहीं दी इजाजत
उधर इस मामले में पुलिस ने शुक्रवार को ही कहा था कि, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को बता दिया गया है कि उन्हें ज्ञानवापी परिसर में पूजा-अर्चना करने की अनुमति नहीं दी गई है। पुलिस ने कहाकि, अगर इसके बाद भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ज्ञानवापी जाते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
04 Jun 2022 04:32 pm
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