वाराणसी. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में प्रतिवर्ष टीबी से 14 लाख लोगों की मौत होती है, जिसमे भारत के मरीजों की संख्या4.8 लाख है। टीबी का इलाज नि:शुल्क होने के बाद भी अधिक लोगों तक इसका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। टीबी के नये मरीजों का पता करने के लिए टीम के लोग अब घर-घर जाकर जायेगी। 26 दिसम्बर से 9 जनवरी तक एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जायेगा।
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आईएमए में मीडियो को अभियान की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने बताया कि सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की योजना बनायी है इसके लिए सभी को मिल कर काम करना होगा। 26 दिसम्बर से चलने वाले अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग के लोगों को भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी के यहां पर टीम जाती है तो लोगों के सहयोग करने से ही काम में सफलता मिलेगी। सीएमओ डा.वीवी सिंह ने 2016-17 में सरकारी विभाग में 261907 लाख मरीजों का पंजीकरण किया गया है, जबकि प्राइवेट क्षेत्र में इलाज कराने वालों की संख्या आठ लाख है। दुनिया के 174 देशों ने मास्को में हुई बैठक में 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने का संकल्प लिया है हमारे देश से आगे बढ़ते हुए 2025 तक बीमारी के खात्मे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सीएमओ ने बताया कि टीम के पास बलगम लेने का पात्र भी होगा और इसकी जल्द जांच रिपोर्ट आने की भी व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल व दीनदयाल राजकीय अस्पताल में एक-एक सीबीनेट मशीन भी लगायी जा रही है। पत्रकार वार्ता में जिला क्षय रोग अधिकारी डा.केके ओझा, डा.आरके सिंह, डा.एके मौर्या, डा.बीबी गुप्ता आदि अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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टीबी से जुड़ी खास जानकारी
दो सप्ताह व उससे अधिक समय तक लगातार खांसी आना
खांसी के साथ बलगम आना, शाम को बुखार बढऩा, वजन घटना, भूख न लगना, सीने में दर्द, बलगम के साथ खुना आने की समस्या हो तो टीबी की जांच करानी चाहिए।
राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बनारस में मिलती है यह सुविधा
काशी की कुल जनसंख्या 40.86 लाख है, जिसमे ग्रामीण क्षेत्र में 21.51 लाख व शहर में 19.34 लाख की संख्या शामिल है। जिले में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र को मिला कर कुल 15 टीबी यूनिट, 37 माइक्रोस्कोपी सेंटर ,आईआरएस 1, डीआरटीबी सेंटर 2 व सीबीएनएएटी 3 है।
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