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सूतक में रहते PM से श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण व पूजा कराने की जांच शुरू

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र के सूतक में रहते PM नरेंद्र मोदी से गत 13 दिसंबर को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के निमित्त धार्मिक कर्मकांड व बाबा विश्वनाथ के गर्भ गृह में पूजन अर्चन कराने की जांच शुरू हो गई है। मंदिर प्रशासन ने अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी को जांच सौंपते हुए उनसे सोमवार तक रिपोर्ट तलब की है।

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काशी विश्वनाथ मंदिर गर्भगृह में पीएम मोदी से पूजन कराते मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र

काशी विश्वनाथ मंदिर गर्भगृह में पीएम मोदी से पूजन कराते मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

वाराणसी. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्रा के सूतक में रहते गत 13 दिसंबर को PM नरेंद्र मोदी से श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के निमित्त धार्मिक कर्मकांड व बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह मे पूजन कराने के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। बता दें कि मंदिर के पूर्व न्यासी प्रदीप बजाज ने प्रधानमंत्री और उनके प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री और यूपी के धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी को मेल भेज कर मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र के सूतक में रहते प्रधानमंत्री से धार्मिक कर्मकांड व पूजन कराने का आरोप लगाया था। इसे पत्रिका ने विस्तार से चलाया था। यह मामला तूल पकड़ा तो मंदिर प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में प्रकरण की जांच शुरू करा दी।

विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व न्यासी प्रदीप बजाज ने पीएम, सीएम को भेजा शिकायती पत्र

बजाज ने शनिवार को पत्रिका से बातचीत में बताया कि सूतक में रहते हुए बाबा विश्वनाथ के गर्भ गृह में प्रवेश तक वर्जित है। कोई भी सनातनी हिंदू सूतक काल में पूजन-अर्चन नहीं करता। शास्त्री विधानों को नजरंदाज कर श्रीकांत ने प्रधानमंत्री से पूजन कराया। यहां तक कि बाबा के गर्भगृह में भी गए और वहां भी बाबा विश्वनाथ का पूजन कराया जो शास्त्र सम्मत कतई नहीं है। ये सनातन हिंदू धर्म के सर्वथा विपरीत है।बजाज ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करा कर यथोचित कार्रवाई करें।

ये भी पढें- श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण विवादों के घेरे में, मंदिर के अर्चक पर सूतक काल में पूजन कराने का आरोप

आरोपः 13 दिसंबर को सूतक काल में मुख्य अर्चक ने कराया था पूजन

पूर्व न्यासी बजाज का आरोप है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक ने सूतक में रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 13 दिसंबर को श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करा दिया। यही नहीं बल्कि मंदिर के गर्भगृह में भी पूजन अर्चन कराया। बजाज ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि मंदिर के अर्चक श्रीकांत मिश्र के भतीजे का पांच दिसंबर को सड़क हादसे में निधन हो गया था, जिसका त्रयोदशाह संस्कार 18 दिसंबर को हुआ। ब्राह्मïण भोज के निमंत्रण पत्र में शोकाकुल परिजनों में श्रीकांत मिश्र और परिवार के सभी सदस्यों का नाम अंकित था। ऐसे में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक में था। कर्मकांडियों के अनुसार सूतक में रहने के दौरान व्यक्ति किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करा सकता है और ना ही मंदिर में प्रवेश कर सकता है। अर्चक श्रीकांत मिश्र की ओर से श्रद्धांजलि सभा के लिए भी लोगों को आमंत्रण पत्र भेजे गए थे।

पीएम से पूजा कराने के लोभ में सगे भतीजे को अपना सगा मानने से किया इंकार
पीएमओ को पत्र भेजने वाले प्रदीप बजाज का आरोप है कि प्रधानमंत्री की पूजा कराने के लोभ में श्रीकांत मिश्र अपने सगे भतीजे को अपना मानने से इंकार कर रहे हैं।