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मंदिरों के शहर बनारस में ऐसे मनी शब-ए-बरात, रात भर चली इबादत

वाराणसी में शब-ए-बरात की रात मुस्लिम इलाकों को दुल्हन की तरह सजाया गया था।

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Shabe Barat

शबे बरात

वाराणसी. इस्लामिक महीने शाबान की 14 तारीख मंगलवार को शब-ए-बरात का एहतमाम बनारस में बड़े ही अकीदत के साथ हुआ। मुस्लिम इलाके दुल्हन की तरह सजाए गए थे। कब्रिस्तानों पर रोशनी की गयी। लोगों ने घरों और मस्जिदों में पूरी रात इबादत की। कब्रिस्तानों पर जाकर वहां दफ्न अपनों के लिये दुआ की और उनकी कब्रों पर मोमबत्तियां रोशन कीं। पूरी रात यह सिलसिला चलता रहा।

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बनारस के मुस्लिम इलाके खासतौर से नई सड़क, दालमंडी, बड़ी बाजार, अर्दली बाजार, मदनपुरा, रेवड़ी तालाब, पीली कोठी समेत मुस्लिम इलाकों में शब-ए-बरात की रात भीड़-भाड़ का माहौल रहा। इन इलाकों में पूरी रात चहल-पहल दिखी। इन इलाकों को खासतौर को रंग-बिरंगी बिजली की लड़ियों से सजाया गया था। जगमगाती नियॉन लाइट की झालरों से जश्न का सा माहौल लग रहा था। लोग बुजुर्गों के आस्तानों पर पहुंचे।

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वहां फातिहा और दुआ की। मोम बत्तियां रोशन की गयीं। सभी आस्तानों को भी सजाया गया था। मौका दुआ और अपने गुनाहों को माफ कराने का था। इसका खयाल रखते हुए लोग कब्रिस्तानों और अस्तानों से खाली होकर रात को इबादत के लिये बैठ गए अपनी सहूलियत के मुताबिक किसी ने मस्जिद में तो किसी ने अपने घर पर ही इबादत की। रात के हिस्से में उठकर दुआएं मांगी गयीं।


रमजान के आगमन की सूचना है शब-ए-बरात
माह ए शाबान का महीना बीत जाने के बाद जो महीना आता है वह इस्लाम में अपनी खास अहमियत रखता है। इस महीने को रमजान कहते हैं। शाबान की 14 तारीख को शब-ए-बरात का एहतमाम किया जाता है। शब-ए-बरात के 15 दिन बाद रमजान शुरू हो जाता है। ऐसे में इसे रमजान के आने का संकेत भी कहा जाता है।

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