5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आज एक साथ निकलेगी अगड़े-पिछड़े और दलित दूल्हों की बारात, अंतरजातीय जोड़े भी लेंगे सात फेरे

Kanyadan Mahotsav: अक्षय तृतीया पर आज एक साथ अगड़े-पिछड़े और दलित दूल्हों की बारात निकलेगी। शादी समारोह में अंतरजातीय जोड़े भी सात फेरे लेंगे।

2 min read
Google source verification
Varanasi news, rss, up politics, samuhik vivah yojana, mass marriage, kanyadan mahotsav, rss politics, up latest news, hindi news, Varanasi News in Hindi, Latest Varanasi News in Hindi, Varanasi Hindi Samacha

देशभर के हिंदुओं को एकजुट करने के लिए 'एक मंदिर, एक कुआं, एक श्मशान’ का संदेश देने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सामाजिक एकता को सशक्त करने के अभियान में जुट गया है। अक्षय तृतीया पर बुधवार को काशी में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की मौजूदगी में 125 बेटियों का कन्यादान किया जाएगा। पहली बार ब्राह्मणों के साथ सभी वर्गों के पुजारी विवाह संपन्न कराएंगे।

पहली बार निकलेगी सामूहिक बारात

समारोह में पहली बार सामूहिक बारात निकलेगी। अगड़े, पिछड़े और दलित वर्ग के दूल्हे एक साथ घोड़ी, बग्घी और रथ पर सवार होकर निकलेंगे। पिछड़े और दलित दूल्हों के साथ बेटियों के स्वागत के लिए शहर के अगड़े समाज के लोग मौजूद रहेंगे।

सरसंघचालक बेटियों का पांव पखारेंगे

शुरुआत शाम 4 बजे शंकुलधारा कुंड से बारात निकालकर की जाएगी। जो किरहिया होते पुनः कुंड पर आएगी। कुंड की सीढ़ियों पर 125 वेदियां बनाई गई हैं। हर वेदी पर एक जोड़े का विवाह होगा। शाम 5.30 बजे से द्वारपूजा और जयमाल होगा। इसी दौरान खुद सरसंघचालक बेटियों का पांव पखारेंगे। इस दौरान अंतरजातीय विवाह भी कराए जाएंगे।

कुंड के दो छोर पर बने दो मंच

भागवत कह चुके हैं कि हिंदू समाज को एक मंदिर, एक कुआं, और एक श्मशान के सिद्धांत को अपनाकर सामाजिक एकता को सशक्त बनाना चाहिए। इसे काशी से साकार किया जा रहा है। इसके बाद कन्यादान कर आशीर्वाद देंगे। कुंड के दो छोर पर दो मंच बना दिए गए हैं। एक से भागवत संबोधित करेंगे तो दूसरे मंच पर गीत-संगीत का कार्यक्रम होगा।

समारोह के दौरान अतिथि और आगंतुक रक्तदान एवं नेत्रदान के संकल्प पत्र भी भरेंगे। संकल्प पत्र में प्रतिभागी का नाम, आयु, रक्त समूह, संपर्क विवरण, नेत्रदान की स्वीकृति (यदि हो) आदि जानकारियां भरी जाएंगी।

अंतरजातीय जोड़े भी लेंगे सात फेरे

समारोह के आयोजक और संघ के क्षेत्र कार्यवाह वीरेंद्र जायसवाल ने बताया कि कन्यादान महोत्सव में समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल होंगे। हर वेदी पर कन्याओं के पांव पखारने के लिए शहर के लोग होंगे। जिस तरह पिता बेटी का कन्यादान करता है, उसी तरह सभी रस्में निभाई जाएंगी। अंतरजातीय जोड़े भी सात फेरे लेंगे। विवाह संपन्न होने के बाद संघ प्रमुख सभी को संबोधित करेंगे।

यह भी पढ़ें: अगर वृंदावन जा रहे हैं तो ध्यान दें, यहां बंद है वाहनों की एंट्री, जानें वैकल्पिक रूट

सामाजिक एकता का संदेश

संघ इस समारोह के जरिए बड़ा संदेश देने की कोशिश करेगा। महोत्सव में विवाह संपन्न कराने वाले पुजारी सभी वर्गों से होंगे। यह संदेश भी है कि देश के जिन हिस्सों से दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारने के मामले आते हैं, वह आगे से न हों। अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया जाएगा। माना जा रहा है कि संघ शताब्दी वर्ष पर इस तरह के अभियान चलाएगा। शुरुआत इस कार्यक्रम से होगी।