
Underground mini city
वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में सुरक्षा को लेकर बड़ी चूक सामने अयाी है। अति सुरक्षित माने जाने वाला काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र के थोड़ी दूर पर ही दालमंडी में जमीन के अंदर अवैध शहर बनाया जा रहा था। एसएसपी ने आधी रात में निरीक्षण के दौरान इस शहर का खुलासा किया। पुलिस कप्तान में शहर को देख कर दंग रह गये। जिस जगह पर वर्षों से जमीन की खुदाई करके शहर बनाया जा रहा थी उसी के पास चौका थाना भी था, लेकिन वसूली में लगे रहने वाली पुलिस को इसकी जानकारी तक नहीं हुई।
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दालमंडी की तंग गलियों को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। खुद पुलिस कप्तान आरके भारद्वाज ने इस क्षेत्र का पहले ही निरीक्षण किया था और यहां पर से अतिक्रमण को हटाने का निर्देश जारी किया था। एसएसपी ने आधी रात को अतिक्रमण हटाओ अभियान की समीक्षा के लिए दालमंडी का निरीक्षण किया। इसी दौरान कप्तान ने देखा लंगड़ा हाफिज मस्जिद के सामने एक कटरे के बेसमेंट से रोशनी आ रही है। कप्तान ने जमीन के अंदर से रोशनी आने का कारण जानने के लिए बेसमेंट में पहुंचे तो उनकी आंख खुली रह गयी। देखा कि तंग गलियों में पुराने मकान के अंदर लगभग ४० बिस्वा के क्षेत्र में अंडरग्राउंड शहर बन रहा था। एसएसपी ने अंडर ग्राउंड शहर घुम कर देखा तो पता चला कि इसका एक हिस्सा दालमंडी से शुरू होता था तो दूसरी हिस्सा बेनियाबाग में जाकर खत्म होता था। अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग दो वर्ष से ही शहर का अवैध ढंग से निर्माण किया जा रहा था। एक बार शहर बस जाता तो इसका उपयोग गैरकानूनी काम के लिए भी होता। एसएसपी ने जमीन के अंदर बन रहे अवैध शहर की जानकारी नहीं होने पर चौक थाना प्रभारी को जमकर फटकार लगायी है और निर्माण करने वालों पर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।
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अवैध वसूली में लगी रहने वाली पुलिस को नहीं हुई भनक
दालमंडी में अवैध ढंग से पटाखा व चायनीज मंाझा का कारोबार होता है। पुलिस ऐसे व्यापारी से वसूली में लगी रहती है इसलिए पुलिस को पता नहीं चला और जमीन के अंदर इतना बड़ा शहर बनने लगा। आश्र्चय की बात है कि यहां पर मकान के अंदर जमीन की खुदाई की गयी होगी। यहां से मिट्टी निकली होगी, जिसे दालमंडी से बाहर निकाला गया होगा। इसके अतिरिक्त निर्माण के लिए भारी पैमाने पर सीमेंट, बालू, सरिया आदि लाया गया होगा। इसके बाद भी पुलिस से लेकर वीडीए व नगर निगम को भनक नहीं लगना बताता है कि सिस्टम कितना सड़ चुका है।
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बस जाता शहर तो आतंकी भी कर सकते थे उपयोग
बनारस को आतंकी घटना को लेकर बेहद संवेदनशील माना जाता है। ऐसे में दालमंडी में जमीन के अंदर अवैध शहर बस जाता तो सुरक्षा की दृष्टि से बड़ा नुकसान होता। इस बात की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है इस जगह का उपयोग आतंकी भी कर सकते थे। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी हुई है और नगर निगम व वीडीए एक-दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त है लेकिन इस सवाल का जबाव किसी के पास नहीं है कि आखिकर वर्षों से जमीन के अंदर शहर का निर्माण हो रहा था और पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के बाद भी खुफिया विभाग को इसकी भनक नहीं लगी। सीएम योगी सरकार में वीवीआईपी क्षेत्र का यह हाल है तो प्रदेश के अन्य जिलों का क्या हाल होगा।
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Updated on:
17 Jan 2018 12:19 pm
Published on:
17 Jan 2018 11:45 am
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