केन्द्र में बीजेपी सरकार आने के बाद से कालाधन बाहर निकलाने की मुहिम चली हुई है। विभिन्न विभागों के बीच सूचना का आदान-प्रदान होता है और उसी आधार पर आगे की कार्रवाई होती है। अवैध ढंग से बीसी खेलने वालों पर कार्रवाई तो दूर की बात है, ऐसे लोगों का सही आंकड़ा भी किसी विभाग के पास नहीं है। बीसी के नाम पर करोड़ों रुपयों का खेल हो जाता है, लेकिन इस गिरोह को लेकर किसी प्रकार की सक्रियता नहीं दिखायी जाती है, जिसक चलते बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी होती है साथ ही समय-समय पर व्यापरियों का पैसा भी डुबता जाता है। खुफिया विभाग से जब जानकारी पूछी गयी कि बीसी को लेकर उनके पास क्या सूचना रहती है तो विभाग के लोगों ने ऐसी सूचना होने से इंकार कर दिया।
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सूद की तरह घरों तक पहुंच गया बीसी का धंधा
सूद का धंधा भी पहले आराम से चलता था उसके बाद जब पैसा नहीं देने पर लोगों को आत्महत्या करना पड़ा था तब जाकर सरकारी मिशनरी की आंख खुली थी और कुछ दिन कार्रवाई करने के बाद फिर से प्रशासन कुंभकर्णी नींद सो गया था। इसी तर्ज पर अब बीसी का धंधा चलने लगा है। रेव पार्टी से लेकर मादक पदार्थ भी बीसी से जुड़ते जा रहे हैं और पुलिस से लेकर आयकर विभाग बीसी को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा है और इस धंधे से जुड़े लोगों में किसी तरह का खौफ नहीं है वह आराम से बीसी खेल कर कानून तोडऩे में जुटे हुए हैं।
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सूद का धंधा भी पहले आराम से चलता था उसके बाद जब पैसा नहीं देने पर लोगों को आत्महत्या करना पड़ा था तब जाकर सरकारी मिशनरी की आंख खुली थी और कुछ दिन कार्रवाई करने के बाद फिर से प्रशासन कुंभकर्णी नींद सो गया था। इसी तर्ज पर अब बीसी का धंधा चलने लगा है। रेव पार्टी से लेकर मादक पदार्थ भी बीसी से जुड़ते जा रहे हैं और पुलिस से लेकर आयकर विभाग बीसी को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा है और इस धंधे से जुड़े लोगों में किसी तरह का खौफ नहीं है वह आराम से बीसी खेल कर कानून तोडऩे में जुटे हुए हैं।
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