
Lord Ganesha
वाराणसी. विनायक चतुर्थी व्रत बेहद खास होता है यदि इस व्रत का ध्यान नहीं रखा तो बनते काम भी बिगड़ सकती है। माह में दो बार यह व्रत पड़ता है इसलिए थोड़ी सावधानी व सजगता के साथ हम इस व्रत को रख कर अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं में भी इस व्रत को बेहद खास महत्व बताया गया है उन लोगों के लिए यह व्रत बहुम काम का साबित हो सकता है, जो कोई भी काम शुरू करते हैं तो उसमें असफलता मिलती है।
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विनायक चतुर्थी व्रत 18 मई 2018 को पड़ रहा है। चतुर्थी तिथि विध्नहर्ता भगवान श्रीगणेश को समर्पित रहती है। हिन्दू धर्म के अनुसार माह में दो पक्ष पड़ता है। एक को शुक्ल व दूसरे को कृष्ण पक्ष कहते हैं। अमावस्या या पूर्णिमा के बाद जो भी चतुर्थी तिथि पड़ती है उस दिन विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है दूसरे शब्दों में इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीगणेश को विध्नहर्ता कहा जाता है। भगवान गणेश प्रसन्न हो जाते हैं तो रास्ते में आने वाली साराी बाधा दूर हो जाती है यदि भगवान श्रीगणेश नाराज हैं तो आप लाख प्रयास करें। सफलता के मार्ग में इतनी बाधाएं आयेगी कि आप परेशान हो जायेंगे। ऐसे में विनायक चतुर्थी व्रत का बहुत महत्व है।
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जानिए किस समय करें भगवान श्रीगणेश की पूजा
प्रत्येक माह में दो बार विनायक चतुर्थी व्रत पड़ता है इसलिए पूजा का अलग-अलग समय होता है। 18 मई को सुबह 10.56 से दोपहर 1.37 बजे तक का समय बेहद शुभ है इस समय पूजा करने से भगवान श्रीगणेश की कृपा प्राप्त होगी। इसके बाद की गयी पूजा उतना फल नहीं देगी। जितना मिलना चाहिए।
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ऐसे करें भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न
भगवान श्रीगणेश को पीला रंग बहुत पसंद है इसलिए चतुर्थी के दिन पीला वस्त्र धारण करने से बहुत लाभ होता है। विनायक चतुर्थी के दिन सुबह उठ कर स्नार करें। इसके बाद साफ पीले रंग का वस्त्र धारण करें। भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा के आगे आसन लगाये और पूजा आरंभ करें। एक बात का विशेष ध्यान रखे कि पूजा के समय मुंह उत्तर और पूर्व की और न हो। भगवान गणेश को पंचामृत से स्नान कराये और दुब व लड्डू को भोग लगाये।
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ध्यान से नहीं की पूजा तो नहीं बनेंगे बिगड़े काम
भगवान श्रीगणेश की पूजा ध्यान से नहीं की तो बिगड़े का नहीं बन पायेंगे। भगवान शिव व माता पार्वती की भी शक्ति प्रभु गणेश में समाहित रहती है एक बार भगवान गणेश का आशीर्वाद मिल गया तो फिर जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जायेगी। सुबह पूजा करने के बाद व्रत रखने से अधिक लाभ मिलता है। माह में दो बार विनायक चतुर्थी पड़ती है इसलिए सुविधा के अनुसार पूजा की जा सकती है।
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Updated on:
17 May 2018 03:34 pm
Published on:
17 May 2018 03:33 pm
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