मंगलवार दोपहर धराड़ से चलकर बांगरोद आ रहे वृद्ध बांगरोद निवासी बुजुर्ग प्रहलाद पाटीदार और जमनाबाई को पाटीदार छात्रावास के समीप अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। घायलों को हाइवे पर संचालित होती एम्बुलेंस से घायलों को 1 बजकर 27 मिनट पर जिला अस्पताल लाया गया।
घटना क्रम की आंखों देखी
घायल के साथ आए परिजन और वाहन चालक पहले तो वार्डबॉय को ढूंढने गए, नहीं मिलने पर स्वयं ही स्ट्रेचर उठाकर एम्बुलेंस के पास ले आए। दोपहर 1.36 बजे घायल प्रहलाद पाटीदार को एम्बुलेंस से उतारकर स्ट्रेचर पर लिटाकर अंदर ले जाया गया। तब तक कोई वार्डबॉय नहीं आया, 1 बजकर 39 मिनट तक दूसरे घायल को एम्बुलेंस से लाने के लिए स्ट्रेचर ढूंढने लगे नहीं। इस दौरान एम्बुलेंस में रखी व्हीलचेयर को उतारकर खोलने का प्रयास किया, वह भी वाहन के साथ आए कर्मियों से नहीं खुली। तब तक परिजन एम्बुलेंस में घायल महिला को लेकर बैठे रहे। दोपहर 1. 40 बजे तक तीन-चार परिजन और एकत्रित हो गए इनमें से एक महिला को कंधे पर उठाया और दो-तीन ने पीछे से पकड़ा और ड्रेसिंग रूम में ले गए।
स्ट्रेचर पर सिटी स्केन कराने जा रहे वृद्ध को किया पैदल
इस दौरान किसी ने वार्डबॉय का पूछा तो पता चला कि वह आराम कर रहा था। जैसे ही वार्डबॉय की नींद खुली और पता चला तो हड़बड़ाट में उसने ने पहले की स्ट्रेचर ढूंढी, नहीं मिली तो दोपहर 1. 42 बजे वार्ड से स्ट्रेचर पर लिटाकर सिटी स्केन कराने के लिए जा रहे वृद्ध नागूलाल पाटीदार को नीचे उतारा और स्ट्रेचर लेकर घायल को लेने के लिए चला गया, तब तक परिजन घायलों को अंदर ड्रेसिंग रूम में ला चुके थे। नागूलाल के पुत्र ईश्वरलाल पाटीदार ने बताया कि मैं नागूलालजी को स्ट्रेचर पर सिटी स्केन कराने के लिए ला रहा था, वार्ड बॉय ने को गाड़ी की जरुरत थी तो उसने उन्हे नीचे उतार दिया और गाड़ी लेकर चला गया। इस कारण मैं इन्हे पैदल ही सिटी स्केन कराने के लिए ले आया।
क्या कहता वार्डबॉय
वार्डबॉय भेरू ने बताया कि तबियत खराब थी इसलिए यहीं पर गोली लेकर आराम कर रहा था। जब सिटी स्केन कराने जा रहे मरीज की उतारने की बात पूछी तो उसने बताया कि यह गाड़ी यहीं की है, वहां का गाड़ी अलग है, और घायल को लेकर आना था। इसलिए स्ट्रेचर ले कर आया।