अजमेर. पुष्कर में राजस्थान (vibrant rajasthan) की अलबेली संस्कृति देखने को मिल रही है। धोरों पर पशुपालक और व्यापारियों के अलावा श्रद्धालु (pilgrims) और खरीददारी (purchase) दिख रहे हैं। वहीं मेला ग्राउन्ड सांस्कृति रंगों से सराबोर है। यहां राजस्थान के पारम्परिक घूमर (ghoomar), चरी (cari) और अन्य नृत्य लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
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एकादशी का स्नान 8 को
शुक्रवार से धार्मिक मेला शुरू होगा। पवित्र सरोवर में श्रद्धालु एकादशी का स्नान (holy dip) करेंगे। कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक पंचदिवसीय स्नान की खास महत्ता है। इसके चलते पुष्कर में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। शुक्रवार को एकादशी का स्नान होगा। इसके लिए महिलाएं, पुरुष और पुरोहित पुष्कर सरोवर पहुंच गए। यहां सरोवर (sarovar) में स्नान का दौर शुरू हो जाएगा। स्नान के बाद सभी 52 घाटों पर पूजा अर्चना का दौर भी शुरू होगा।
ये है स्नान की महत्ता
पुष्कर सरोवर में स्नान की महत्ता भी है। पौराणिक व्याख्यान (mythology) के अनुसार कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक देवी.देवता भी पुष्कर (pushkar) सरोवर में स्नान करने आते हैं। लिहाजा इस दौरान स्नान करने से सुख.समृद्धिए ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति आरोग्य रहता है।
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शुरू होंगी शादियां और शुभ कार्य
देव प्रबोधिनी एकादशी पर शुक्रवार से शुभ कार्यों और वैवाहिक कार्यक्रमों (wedding ceremony) की शुरुआत होगी। चार महीने के बाद अजमेर सहित समूचे जिले में विवाह और अन्य कार्यक्रम होंगे।पारम्परिक मान्यता के मुताबिक प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल दशमी तक देवशयन करते हैं। इस दौरान शुभ कार्यए विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं होते हैं। कार्तिक (kartika month) माह की देव प्रबोधिनी एकादशी से शुभ कार्यों की पुनरू शुरुआत होती है। इसके तहत शुक्रवार से विवाह एवं शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। इसके अलावा कई लोग एकादशी का व्रत रखेंगे। तुलसी विवाह का आयोजन भी होगा।
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