अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 808वें उर्स (urs) का झंडा 20 फरवरी को चढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही उर्स की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी। उर्स विधिवत रूप से रजब का चांद दिखने पर 24 या 25 फरवरी को शुरू होगा। हालांकि ख्वाजा साहब की दरगाह (ajmer dargah) स्थित जन्नती दरवाजा 24 फरवरी को खोल दिया जाएगा। उर्स में यह दरवाजा 6 दिन के लिए खोला जाता है।
इस्लामिक माह जमादि उल आखिर का चांद देखने के लिए शनिवार को दरगाह कमेटी कार्यालय में हिलाल कमेटी की बैठक हुई। इस दौरान कहीं भी चांद नजर नहीं आया। इस पर रविवार को चांद दिखना तय माना गया। इस हिसाब से 1 फरवरी को ख्वाजा साहब की महाना छठी होगी और 20 फरवरी को उर्स का झंडा चढ़ाया जाएगा।
यह है झंडे की रस्म
ख्वाजा साहब की दरगाह के बुलंद दरवाजे पर भीलवाड़ा का लाल मोहम्मद गौरी परिवार की ओर से झंडे की रस्म अदा की जाती रही है। कव्वाली और बैंडबाजे के साथ भीलवाड़ा का गौरी परिवार दरगाह पहुंचेगा। इस दौरान 25 तोपों की सलामी दी जाएगी। उर्स के मौके पर झण्डा चढ़ाने की रस्म गौरी परिवार वर्ष 1944 से निभाता आ रहा है। इस रस्म से उर्स के औपचारिक आगाज का एलान किया जाता है।