दस्तक अभियान 22 जुलाई से 26 सितंबर क चलेगा अभियान : सीएचओ, एएनएम को गया प्रशिक्षण, एक लाख से अधिक 5 वर्ष तक बच्चों की सेहत परखेंगे
पहला चरण 22 जुलाई से 16 सितंबर तक चलेगा
बाल्य कालीन बीमारियों को पहचानने और त्वरित उपचार के साथ रैफर की व्यवस्था सुनिश्चित करने विशेष दस्तक अभियान शुरू होगा। पहला चरण 22 जुलाई से 16 सितंबर तक चलेगा। शनिवार को इस अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें खालवा, किल्लौद के स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हए।सीएमएचओ डॉ ओपी जुगतावत ने कहा कि डायरिया बीमारी से बढ़ती शिशु-मृत्यु दर को गंभीरता से लिया जाए। डायरिया कैंपेन, दस्तक अभियान में डायरिया की रोकथाम, सफाई, ओआरएस से रखे अपना ध्यान थीम पर आधारित है।
विटामिन-ए की दी जाएगी खुराक
जन्म से पांच वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण, एनीमिया, निमोनिया, निर्जलीकरण, संक्रमण की पहचान करना है। त्वरित उपचार करें, रैफर के साथ विटामिन-ए की खुराक दी जाएगी। ओआरएस पैकेट, जिंक टेबलेट का वितरण करें। स्वास्थ्य और महिला विभाग के संयुक्त दल बच्चों को पोषण सेवाओं के माध्यम से पहचाने, प्रबंधन करें। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ अनिल तंतवार ने दस्तक पोर्टल पर एंट्री करने की जानकारी दी। प्रचार-प्रसार के लिए नारे लेखन, रैली, समूह चर्चा, बैठक व जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग लें। अधिक से अधिक लोगों का अभियान की जानकारी मिल सके।
विशेषज्ञों ने कुपोषित बच्चों के पहचान की बताई पद्धति
-प्रशिक्षण में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को विशेषज्ञों ने कुपोषण बच्चों को पहचानने की पद्धति की बारीकियां बताई। और प्रोटोकाल की जानकारी दी। इस दौरान मास्टर ट्रेनर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. भूषण बाण्डे, डॉ. कृष्णा वास्केल, एम्स सलाहकार अमित शर्मा, डीसीएम राहुल जायसवाल, महेश पंवार, आशीष गीते आदि ने प्रशिक्षण दिया।