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किसानों ने पूछा : सोसाइटियों में नहीं तो कहां जा रही खाद, डीएमओ बोले…हर रोज 250 किसानों को मिल रही खाद :डीएमओ

भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी मंगलवार दोपहर कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों ने अफसरों से पूछा कि गोदाम और सोसायटियों में डीएपी-यूरिया नहीं मिल रही तो खाद कहां जा रही है

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खंडवा

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Rajesh Patel

Sep 04, 2025

भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी मंगलवार दोपहर कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों ने अफसरों से पूछा कि गोदाम और सोसायटियों में डीएपी-यूरिया नहीं मिल रही तो खाद कहां जा रही है। दो लाख किसान हैं डिमांड बढ़ाई जाए। किसानों ने बड़गांव, पोखरकला,पंधाना, कालमुखी, खिरगांव, रनगांव, मूंदी भगवानपुर, अतर आदि सोसाइटियों में यूरिया नहीं है। कुछ सोसायटी में तो इस सीजन में खाद ही नहीं पहुंची।

हमारे गोदाम पर प्रतिदिन 250 को मिल रही खाद

किसान संघ के महामंत्री सुभाष पटेल ने पूछा सोसायटियों में खाद नहीं है। डीएमओ श्वेता सिंह ने जवाब दिया कि आपूर्ति हो रही। संबंधित विभाग जानकारी देगा। हमारे गोदाम पर प्रतिदिन 250 किसानों को खाद मिल रही। किसानों ने यह भी पूछा कि बाजार से ज्यादा हिस्सा सोसायटी का रहता है। फिर क्यों बाजार में उपलब्ध है सोसायटी में नहीं मिल रही।

9 सितंबर को दोबारा होगी बैठक

अपर कलेक्टर ने जवाब दिया वे सीधे कंपनियों से लेते हैं। किसानों ने कहा कि अधिकारी संयुक्त रूप से बैठें। 9 सितंबर को दोबारा बैठक बुलाई गई है। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष राधेश्याम चाचरिया समेत अन्य पदाधिकारी रहे। गोदाम में खाद की कमी नहीं है।

इनका कहना श्वेता… सिंह, जिला विपणन अधिकारी

प्रतिदिन 250 किसानों को खाद मिल रही है। आज सुबह स्टाक खत्म हुआ है। डीएपी वितरण चल रहा है। यूरिया भी जल्द आएगी।

सात माह में 97 रैक खाद, इसमें 47 रैक यूरिया

खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर और बड़वानी के लिए 7 माह में 97 रैक खाद आई। इसमें 47 रैक यूरिया है। प्रत्येक रैक में 2600 टन खाद होती है। खंडवा को सिर्फ एक चौथाई हिस्सा मिलता है। शेष अन्य जिले के लिए। खरगौन में अधिक खाद आपूर्ति की गई है।

मार्कफेड गोदाम में सिर्फ 6 हजार बोरी डीएपी

मार्कफेड के गोदाम में यूरिया सुबह नहीं मिली। डीएपी 6 हजार बोरी रखी थी। बाहर 200 से अधिक किसान खड़े रहे। गोदाम में पोटाश 700 बोरी रखी है। अभी रेट तय नहीं है। 2020 की एक हजार और टीएसी दो हजार बोरी है। 202013 की भी 1500 बोरी खाद रखी है। डीएपी के लिए मारामारी मची रही।