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ओंकारेश्वर में मां नर्मदा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए पेट्रोल इंजन वाली नावों का ट्रायल

-कलेक्टर ने नाविकों के साथ किया नाव से भ्रमण, बताया बेहतर विकल्प -इससे पहले बैटरी वाले इंजन और फायबर नाव का ट्रायल हो चुका फेल

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Manish Arora

May 24, 2025

ओंकारेश्वर में मां नर्मदा और तीर्थ नगरी को प्रदूषण मुक्त रखने प्रशासन द्वारा डीजल इंजन की नावों पर प्रतिबंध लगा रखा है। डीजल इंजन का विकल्प ढूंढने शुक्रवार को कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने एसडीएम पुनासा शिवम प्रजापति व नाविक संघ अध्यक्ष कैलाश भंवरिया व टीम के साथ पेट्रोल इंजन की नाव का ट्रायल किया। कम आवाज और धुएं से मुक्त इस इंजन का कलेक्टर ने बेहतर विकल्प बताया, लेकिन इससे भी अच्छे विकल्प तलाशे जा रहे हैं।

तीर्थनगरी में नावों के संचालन में किस इंजन का प्रयोग हो, इसे लेकर लंबे समय से मंथन चल रहा है। इसके पूर्व बैटरी वाले इंजन का ट्रायल किया गया था। इसमें सबसे बढ़ी परेशानी बैटरी के वजन को लेकर थी। बैटरी का वजन करीब डेढ़ से दो क्विंटल हो रहा था और चार्जिंग की भी परेशानी थी। बैटरी चार्जिंग के लिए घाटों पर कोई व्यवस्था नहीं है और बैटरी को चार्जिंग के लिए लेकर जाना अपने आप में बड़ी समस्या के रूप में सामने आई। इसके बाद फायबर स्पीड बोट का विकल्प भी ढूंढा गया, लेकिन ये बोट नर्मदा की भौगोलिक स्थिति के अनुकूल नहीं थी। यहां नर्मदा कई जगह उथली है तो कई जगह गहरी। स्पीट बोट के लिए जितनी जगह होनी चाहिए, वह भी पर्याप्त नहीं थी। ऐसे में तेज रफ्तार के चलते दुर्घटना का भी अंदेशा था। इन दोनों विकल्पों को नाविकों ने नकार दिया था।

नाव में बैठकर देखी परिस्थितियां
नाविकों की लंबे समय से चली आ रही परेशानी को देखते हुए नाविक संघ ने विधायक नारायण पटेल के साथ कलेक्टर से मिलकर इसका हल निकालने की अपील की थी। इसके बाद कलेक्टर ऋषव गुप्ता शुक्रवार को ओंकारेश्वर पहुंचे। यहां पेट्रोल इंजन लगाकर नाव में बैठकर नर्मदा का भ्रमण का परिस्थितियां देखी। कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने ट्रायल के बाद इंजन की गुणवत्ता को लेकर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा पिछली बार के इंजन की तुलना में यह पेट्रोल इंजन बेहतर है। इसकी आवाज भी काफी कम है। यदि इससे अच्छा विकल्प नहीं मिलता, तो हम इसी इंजन को फाइनल कर देंगे। हालांकि, इसकी सर्विस और दीर्घकालिक टिकाऊपन को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। इस पर नाविकों में खुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि यह उनकी लंबे समय से लंबित मांग पूरी होने की उम्मीद है।

जल्द ही होगा स्थायी समाधान
प्रशासनिक अधिकारियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद उम्मीद है कि जल्द ही इस इंजन को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिससे नाविकों की समस्या का स्थायी समाधान हो सकेगा।
कैलाश भंवरिया, नाविक संघ अध्यक्ष

5 जून को करेंगे फाइनल
हमने पेट्रोल इंजन की नाव का ट्रायल लिया है, जो बेहतर लग रहा है। इससे आगे के ऑप्शन भी देखे जा रहे है, एक या दो जून को दोबारा ट्रायल किया जाएगा। आगामी 5 जून को हम इंजन फाइनल कर देंगे।
ऋषव गुप्ता, कलेक्टर