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कृषि उपज मंडी में लगा टैक्स हो समाप्त

राज्य सरकार बजट में कृषि उपज समितियों से मंडी टैक्स समाप्त करें। मंडी के अंदर टैक्स लागू होने एवं मंडी के बाहर टैक्स नहीं होने से माल बाहर बिकलने से मंडी की राजस्व आय में गिरावट आई है और किसानों का भी मोहभंग होने लगा है। राजस्थान पत्रिका के दस जुलाई को प्रस्तावित राज्य बजट को लेकर टॉक शो में किसान, व्यापारी, हमाल व मजदूरों ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बजट में मंडी टैक्स की समाप्ति की घोषणा करे।

भीलवाड़ा। राज्य सरकार बजट में कृषि उपज समितियों से मंडी टैक्स समाप्त करें। मंडी के अंदर टैक्स लागू होने एवं मंडी के बाहर टैक्स नहीं होने से माल बाहर बिकलने से मंडी की राजस्व आय में गिरावट आई है और किसानों का भी मोहभंग होने लगा है। राजस्थान पत्रिका के दस जुलाई को प्रस्तावित राज्य बजट को लेकर सोमवार को टॉक शो में किसान, व्यापारी, हमाल व मजदूरों ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बजट में मंडी टैक्स की समाप्ति की घोषणा करे।

यहां भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी समिति प्रांगण में टॉक शो में किसानों ने मंडी बदहाल व्यवस्था पर रोष जताया। उनका कहना था कि मंडी के अनाज व फल मंडी में सरकार की तरफ से किसानों के लिए बनाए प्लेटफार्म पर बड़े व्यापारियों ने कब्जा कर रखा है। ऐसे में कृषि जिंस लेकर आने वाले किसानों को जगह नहीं मिल रही है। उन्हें खुले में सड़क पर ही कृषि जिंस के ढेर लगाने पड़ते हैं। इससे बारिश में सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ता है। किसानों ने मंडी के प्लेटफार्म से अवैध कब्जे हटाने की मांग सरकार से की।

मंडी की व्यवस्था में सुधार की दरकार

यहां शिवकुमार गगरानी, कैलाश समदानी, जितेन्द्र कुमार जैन, गोविन्द गुर्जर, रतनलाल सुवालका, प्रदीप कुमार खटीक, मोहम्मद हुसैन, अब्दुल खान पठान,जगदीश चन्द्र खारोल, भगवान लाल प्रजापत,प्रियंका माली, नितेश कुमार सेन, नारयण सिंह रावत, महेन्द्र सिंह सोलंकी, भोजराज गाडरी, हेमराज गाडरी ने बजट को लेकर सुझाव दिए। इनका कहना था कि मंडी की व्यवस्था और प्रभावी बने।

बताई समस्याएं और दिए सुझाव

– प्रदेश की मंडी से टैक्स समाप्त करना चाहिए। इससे किसानों को राहत मिलेगी।

– मंडी के बाहर टैक्स नहीं होने से कृषि जिंस बाहर ही बिक रहे हैं।

– टैक्स नहीं हटाया तो मंडी के बाहर भी टैक्स लगाया जाए।

– मंडी के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार जल्द मंडी बोर्ड का गठन करे।

– भीलवाड़ा में स्थायी प्रशासनिक सचिव की नियुक्ति की जाए।

– वर्ष 1986 के बाद से मंडियों में रिक्त पदों पर नहीं हो सकी नियुक्ति। नई भर्ती हो।

– भीलवाड़ा मंडी में किसानों के चबूतरों पर हो रहे अवैध कब्जे प्रशासन हटाए।

– मंडी परिसर में किसानों व मजदूरों के लिए विश्रांतिगृह का निर्माण हो।

– भीलवाड़ा मंडी में महिलाओ के लिए वॉशरूम का निर्माण हो और सुविधा बढ़े।

– भीलवाड़ा मंडी की कैंटीन में वसूले जा रहे मनमाना चार्ज पर अंकुश लगे।

-मंडी श्रमिक व हमालों के लिए सरकार कल्याण बोर्ड गठित करें, तय करे मानदेय।

– भीलवाड़ा अनाज मंडी को पालड़ी में स्थापित किया जाए।