श्री दादाजी भक्तों के लिए सारे दर्द की एक ही दवा है, श्री दादाजी नाम। सैकड़ों किमी नंगे पांव पैदल सफर, पूरे शरीर में दर्द, पैरों में छाले, लेकिन होंठों पर दादाजी नाम हर दर्द को भूला रहा है। गुरु पूर्णिमा पर महाराष्ट्र, छिंदवाड़ा, बैतूल, पांढुर्ना सहित अन्य शहरों से निशान, रथ यात्राएं खंडवा पहुंचने लगी है। शनिवार को पांढुर्ना से केके भाउ का जत्था खंडवा पहुंचा। वहीं, शहर में भी विभिन्न समाज संगठनों द्वारा निशान चढ़ाए गए।