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सतना

satna: हादसे का सबब बने स्टेट हाइवे के निजी डिवाइडर को ग्रामीणों ने तोड़ा, एमपीआरडीसी के खिलाफ आक्रोश

आए दिन हो रहे थे हादसे, संबंधित विभागों ने साध रखी है चुप्पी कलेक्टर ने एसडीएम को दिए कार्रवाई के निर्देश

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सतना। चित्रकूट-सतना स्टेट हाइवे के किलोमीटर 47 से 48 के बीच का स्थल इस मार्ग का सबसे बड़ा ब्लैक स्पॉट बन गया है। एक पेट्रोल पंप संचालक द्वारा स्टेट हाइवे के किनारे डिवाइडर की तर्ज पर संरचना बना दिए जाने से आए दिन यहां हादसे हो रहे हैं। इन हादसों को लेकर स्थानीय जनों द्वारा लगातार प्रशासन से निराकरण की मांग की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर बुधवार को नाराज ग्रामीणों ने खुद ही इस संरचना का कुछ हिस्सा तोड़ दिया है। चेताया है कि अगर प्रशासन जल्द इस समस्या का हल नहीं करता है तो पूरा निर्माण कार्य तोड़ दिया जाएगा।

चार बड़े हादसे, 2 की मौत

इटमा डुडैला के पास स्टेट हाइवे की टर्निंग में बनाए गए निजी डिवाइडर की वजह से यहां पर डेढ़ माह में चार बड़े हादसे हो चुके हैं। जिसमें दो लोगों की जान भी जा चुकी है। विगत दिवस एक स्थानीय ग्रामीण भी इसकी वजह से हादसे का शिकार होते होते बता। इसके बाद बुधवार को ग्रामीणों ने सुबह यहां पहुंच कर संरचना के एक हिस्से को तोड़ फोड़ डाला। यहां ग्रामीणों का कहना रहा कि जब तक यह निर्माण नहीं हुआ था इस जगह पर कभी भी हादसे नहीं हुए। लेकिन इसके बाद से लगातार हादसे हो रहे हैं और संबंधित विभाग चुप्पी साधे बैठे हैं।

पहले नोटिस अब क्लीन चिट

इस स्थल पर चल रहे निर्माण कार्यो का विरोध होने के बाद एसडीएम मझगवां ने एमपीआरडीसी के संभागीय प्रबंधक को पत्र लिखा था। जिसके बाद संभागीय प्रबंधक एचएन सिंह गौतम इस निर्माण को सुगम यातायात के प्रतिकूल बताया। अब बुधवार को उन्होंने एक उच्च स्तरीय टीम के निरीक्षण का हवाला देते हुए इस निर्माण को क्लीन चिट दे दी। हालांकि इस मामले में पीएस लोनिवि सुखबीर सिंह ने कहा कि शासकीय रोड पर किसी भी तरह की संरचना निर्माण का अधिकार निजी व्यक्ति को नहीं है।

एसडीएम को निर्देश

इधर कलेक्टर अनुराग वर्मा ने ग्रामीणों द्वारा की गई तोड़ फोड़ की घटना को संज्ञान में लेते हुए एसडीएम को इस मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। हालांकि एसडीएम बुधवार को हाईकोर्ट के काम से जबलपुर में रहे, लिहाजा अगले दिन मामला दिखवाने की बात कही।