सवाईमाधोपुर.रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में वन विभाग की मनमानी का एक मामला सामने आया है। वन विभाग की ओर से तीन फरवरी को पार्क भ्रमण में अनियमितता के चलते तीन जिप्सियों पर अग्रिम आदेश तक पार्क में प्रवेश पर प्रतिबंध लगया था लेकिन वन विभाग की ओर से इस दौरान ऐसी जिप्सी को भी प्रतिबंधित कर दिया जो उस दिन पार्क भ्रमण पर गई ही नहीं। ऐसे में अब वन विभाग की गलती का खामियाजा वाहन मालिकों को भ्सुगतना पड़ रहा है।
देरी से पहुंचने के कारण लगाया था प्रतिबंध
वन विभाग की ओर से तीन फरवरी को सुबह की पारी में पार्क भ्रमण के निर्धारित समय से देरी से पहुंचने के कारण कुल तीन जिप्सियों को प्रतिबंधित किया था। नियमानुसार शाम की पारी में पार्क सफारी का निर्धारित समय दोपहर ढाई से शाम छह बजे तक है। लेकिन तीन जिप्सियां दोपहर दो बजकर 32 मिनट पर पार्क में पहुंची थी इस पर वन विभाग की ओर से जिप्सियोंं को प्रतिबंधित किया गया था।
च्वाइस सिस्टम से दूसरी जिप्सी गई भ्रमण पर
वन विभाग की ओर से जिन तीन जिप्सियों को प्रतिबंधित किया गया है। उनमें से एक जिप्सी नम्बर आरजे 25 टीए 1742 है। जबकि उस दिन वन विभाग की ओर से संचालित च्वइस सिस्टम के तहत उक्त जिप्सी के स्थान पर आरजे 25 टीए 2098 जिप्सी पार्क भ्र्रमण पर गई थी। जिप्सी मालिक के पास वन विभाग की ओर से जारी की गई गई च्वाइस सिस्टम की रसीद भी है। लेकिन इसके बाद भी वन विभाग की ओर से जो जिप्सी पार्क भ्रमण पर गई ही नहीं उसे प्रतिबंधित कर दिया गया।
इन नेचर गाइड व वाहन चालक पर भी लगाया प्रतिबंध
वन विभाग की ओर सेतीन जिप्सियों के साथ तीन नेचर गाइड व वाहन चालकों को भी अग्रिम आदेश तक प्रतिबंध किया गया है। इसमें नेचर गाइड प्रदीप शर्मा, सतीश शर्मा व सुनील शामिल है। इसी प्रकार प्रतिबंधित वाहन चालकों में कमलेश, विजय शर्मा व असगर है। इनमें से नेचर गाइड प्रदीप शर्मा व चालक कमलेश आरजे25टीए1742 जिप्सी के हैं जो उस दिन पार्क भ्रमण पर गई ही नहीं थी।
इनका कहना है….
पार्क भ्रमण के दौरान अनियमिता के कारण तीनजिप्सियों पर प्रतिबंध लगाया गया था। च्वाइस सिस्टम के तहतरदूसरी जिप्सी के भ्रमण पर जाने की जाने की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो जिस जिप्सी के एवज में च्वाइस काटी गई है। उस पर से प्रतिबंध हटाया जाएगा और जो जिप्सी उस दिन पार्क भ्रमण पर गई है एस पर कार्रवाई की जाएगी।
– सुमित बंसल, सहायक वन संरक्षक(पर्यटन), रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।