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Patrika Impact- बीएचयू में मिलने लगीं आयुष्मान योजना की मुफ्त दवाएं, बकाया होने पर कंपनी ने रोकी थी सप्लाई

पत्रिका नें सोमवार को चलाई थी खबर, तत्काल हरकत में आया बीएचयू प्रशासन, शुरू की भुगतान की प्रक्रिया, दवा कंपनी को दिया आश्वासन, तीन दिन में हो जाएगा भुगतान।।

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डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी

वाराणसी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सरसुंदर लाल अस्पातल में आयुष्मान भारत योजना के तहत भर्ती मरीजों को दवाएं मिलनी शुरू हो गई हैं। साथ ही अस्पताल प्रशासन ने दवा सप्लाई करने वाली कंपनी के पांच महीने से रुके भुगतान को तीन दिन में क्लीयर करने का आश्वासन दिया है। बता दें कि पत्रिका ने समोमवार को ही यह खबर एक्सक्लूसिवली चलाई थी। उस खबर के चलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया और फौरन दवा कंपनी के बीएचयू स्थित शोरूम के अधिकारियों से संपर्क कर उनसे दवा सप्लाई जारी रखने का अनुरोध किया। साथ ही आश्वस्त किया कि उनका भुगतान जल्द से जल्द कर दिया जाएगा।

बता दें कि पत्रिका ने सोमवार को खबर चलाई थी, “बीएचयू अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को दवा मिलनी बंद”, इस खबर के चलते ही बीएचयू में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते खबर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। ऐसे में बीएचयू प्रशासन तत्काल हरकत में आया और बीएचयू अस्पताल परिसर स्थित उमंग फार्मेसी के आपरेशनल हेड सदाशिव श्रीवास्तव से संपर्क किया और उनसे बातचीत कर दवाओं का वितरण शुरू करने का अनुरोध किया। सदाशिव ने मंगलवार को पत्रिका से बातचीत में स्वीकार किया कि सोमवार की शाम ही को बीएचयू प्रशासन से वार्ता हुई थी। उन्होंने कहा कि सोमवार की शाम 7.30 बजे के बाद अस्पताल में भर्ती मरीजों को दवाएं दी जाने लगीं। उन्होंने कहा कि आखिर नवंबर से भुगतान रुका था, ऐसे में हम भी कोई दवा बनाते तो नहीं हैं, हमने भी दवाएं कहीं से खरीदनी होती है। फिर ये मार्च का महीना चल रहा है। इस महीने में हर कंपनी क्लोजिंग में लगी रहती है। ऐसे में हमें भी डर था कि कहीं दवा कंपनियां दवा की सप्लाई रोक न दें। वैसे भी हमें ओपीडी के 4000-5000 मरीजों को रोजना दवा देनी होती है। 400-500 वार्ड के जो मरीज हैं उन्हें दवा देनी होती है। ऐसे में हम हमेश एक-डेढ़ महीने का अतिरिक्त स्टॉक में दवाएं ऐसे में भुगतान नहीं होगा तो दिक्कत आ सकती थी। बावजूद इसके हमलोग लगातार अस्पातल का सहयोग कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।

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उमंग फार्मेसी के आपरेशनल हेड सदाशिव श्रीवास्तव, आशीष चटर्जी

उन्होंने कहा कि नवंबर में योजना शुरू हुई अगले महीने से ही हम लोग विश्वविद्यालय प्रशासन को भुगतान के बाबत लेटर लिखते रहे। बताया कि योजना लागू होने के साथ यह बताया गया था कि दवा वितरण के 15 दिन के अंदर भुगतान हो जाएगा। लेकिन नवंबर से मार्च तक भुगतान नहीं हुआ। सदाशिव श्रीवास्तव के सहयोगी आशीष चटर्जी ने पत्रिका को बताया कि हमने अपनी पीड़ा के तहत लेटर लिखा, इसकी वजह मेरी व्यथा थी। हमने अगर बीएचयू के साथ हैं तो हम उनके पास गए थे। बीएचयू प्रशासन ने हमारी बात सुनी और कहा कि आज शाम तक या कल सुबह तक भुगतान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बीएचयू प्रशासन ने अब कह दिया है कि हम पेमेंट कर रहे हैं तो हमें उन पर पूर्ण विश्वास है। इससे पहले ऐसा आश्वासन नहीं मिला था।

 

एमएस सरसुंर लाल अस्पताल डॉ एसके माथुर

वहीं सरसुंदर लाल अस्पताल के एमएस डॉ एसके माथुर ने पत्रिका से बातीचीत में स्वीकार किया कि आयुष्मान भारत के तहत उमंग वालोंका पैसा बकाया है। उसके भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी। आज यानी मंगलवार को वित्त अधिकारी से वार्ता की है। वित्त अधिकारी ने आश्वस्त किया है कि तीन दिन में भुगतान हो जाएगा। डॉ माथुर ने बताया कि सोमवार को दवा वितरण रुकने की जानकारी हुई तो मैंने तत्काल बात की और उनसे दवा वितरण शुरू करने को कहा। मेरी बात के बाद उन्होंने दवा देनी शुरू कर दी। कहा कि शुरूआती दौर है, ऐसे में सरकारी व्यवस्था के तहत कुछ विलंब जरूर हुआ, लेकिन एक बार सब कुछ लाइनअप हो जाने के बाद आगे कोई दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत दवाओं के अलावा अन्य जांच आदि में किसी तरह की कोई दिक्कत न आ रही है न आने वाली है। अस्पताल में सब कुछ है, उसके लिए अगर सरकारी धन देर से भी आता है तो भी मरीजों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।