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बाढ़ में फंसी महिला की रातबीतीः 12 घंटे तक बुलाती रही, 16 किमी घसीटती रही मौत, फिर भी नहीं तोड़ी सांस

- रात 8 बजे पुल से गिरकर बाढ़ में बही महिला- रात 11 बजे निर्माणाधीन पुल के पिलर के सरियों को पकड़े नजर आई- रात 2 बजे रेस्क्यू की शुरुआत- रेस्क्यू टीम ने जैसे ही वोट में बैठाया बोट पलटी, फिर बह गई

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विदिशा. पानी का तेज बहाव और ऊपर से काली अंधियारी रात..हर पल अपनी ओर खींचती मौत बन चुकी पानी की लहरें और जिंदगी को बचाने के लिए लोहे के सरियों का सहारा..जी हां कुछ ऐसा ही दिलदहला देने वाला मंजर था लेकिन इसके बावजूद महिला ने जिंदगी की आस नहीं छोड़ी। निर्माणाधीन पुल के लोहे के सरियों को पकड़कर किसी तरह महिला अपनी सांसों की डोर को थामे रही लेकिन जब घंटों बाद मदद के हाथ उस तक पहुंचे तो एक बार फिर मौत उसे अपने आगोश में लेने के लिए आमदा हो गई पर इस बार भी महिला ने मौत को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। वो मौत की लहरों में 16 किमी. तक बहती रही और सुबह के उजियारे में एक बार फिर मदद के हाथ मिलने पर चेहरे पर मुस्कान लिए मौत को हराकर वापस लौट आई।

ये है पूरा मामला
नाम सोनम दांगी पति कल्याण सिंह दांगी, उम्र 55 साल, निवासी खजूरिया गांव जिला विदिशा..जी हां ये नाम पता उस महिला का है जिसके सामने मौत भी हार मान गई। घटना रक्षाबंधन के दिन यानि 11 अगस्त की है जब सोनम अपने भाई के साथ राखी का त्यौहार मनाने के लिए बाइक से अपने मायके ग्राम पडरिया जा रही थी।

लेकिन रात करीब 8 बजे बेतवा नदी के वर्रीघाट पुल से बाइक फिसल गई और सोनम तेज बहाव में बह रही पार्वती नदी में बह गई। नदी में महिला के बहने की खबर लगते ही प्रशासनिक अमला और रेस्क्यू टीम उसकी तलाश में जुट गई और रात करीब 11 बजे बेतवा नदी पर गंज में बन रहे निर्माणाधीन पुल के पिलर के सरियों को पकड़े हुए सोनम नजर आई। वो मदद की आस लिए हुए अपनी सांसों की डोर थामे हुई थी।

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रेस्क्यू करते ही पलटी नाव
सोनम को बचाने के लिए रात करीब 2 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु हुआ। बोट के सहारे रेस्क्यू टीम सोनम को बचाने के लिए काली रात में पार्वती नदी में उतरी लेकिन तेज बहाव के कारण रेस्क्यू टीम के चार प्रयास असफल रहे। पांचवी बार में रात करीब 4.30 बजे वोट लेकर रेस्क्यू टीम के पांच तैराक सोनम के पास पहुंचे और जिंदगी का हाथ उसकी तरफ बढ़ाकर उसे लाइफ जैकेट पहनाई। रेस्क्यू टीम सोनम को बोट पर बैठा ही पाई थी कि एक बार फिर मौत बनकर पार्वती नदी की बाढ़ सोनम तक पहुंच गई और बाढ़ में नाव पलट गई। नाव पलटने से रेस्क्यू टीम के पांचों तैराक तो तैरकर किनारे आ गए लेकिन सोनम फिर लापता हो गई।

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16 किमी. दूर झाड़ियों को पकड़े लटकी मिली
तैराक दल वापस किनारे पर लौट चुका था लेकिन चारों तरफ नजर आ रहे पानी में सोनम कहीं नजर आई। जिससे एक बार फिर सोनम के जिंदा होने की आस कमजोर होती नजर आई लेकिन कुछ ही घंटों बाद एक बार फिर जैसे ही सूरज का उजाला हुआ सोनम की जिंदगी की आस फिर जागी और वो लोगों को राजखेड़ा के पास झाड़ियों के सहारे लटकी नजर आई। यहां तहसीलदार व स्थानीय लोगों की मदद से सोनम का रेस्क्यू कर उसे सुरक्षित निकाला गया। सोनम ने बताया कि लाइफ जैकेट पहने होने और एक लकड़ी का सहारा मिलने के कारण वो नदी में बहती रही और आखिरकार उसकी जान बच गई। वर्तमान में सोनम को हाइपोथर्मिया से पीड़ित होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है।

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