15 फीट ऊंची जालियों से घिरे पेड़ के पास की परिंदा भी पर नही मार सकता क्योंकि इसके चारों ओर पुलिस के जवान पेड़ की सुरक्षा में खड़े रहते है। इस पेड़ की खास सुरक्षा को देखते हुए लोग वीवीआईपी पेड़ के नाम से जानने लगे हैं। लेकिन इसकी कड़ी सुरक्षा को देख सभी के दिमाग में यह प्रश्र जरूर उठता है कि इस पेड़ की इतना खास क्यों हैं?
सरकार रखती है खास ख्याल
इस पेड़ की खास देख-रेख उद्यानिकी विभाग से लेकर राजस्व, पुलिस और सांची नगरपरिषद मिलकर करते हैं. ये सभी विभाग इस बोधि वृक्ष का ध्यान रखने के लिए हमेशा अलर्ट मोड में रहते हैं. यही वजह है कि यहां जवानों की तैनाती भी की गई है।
12 से 15 लाख का खर्चा आता है
इस पेड़ की सुरक्षा एंव रखरखाव में हर साल करीब 12 से 15 लाख का खर्चा आता है। इसकी सुरक्षा में 24 घंटे गार्ड तैनात रहते हैं। पेड़ को पानी देने के लिये विशेष तौर पर स्थानीय प्रशासन का टैंकर आता है. पेड़ किसी तरह की बीमारी का शिकार न हो जाए. इसके लिए वक्त-वक्त पर कृषि अधिकारी भी यहां का दौरा करते रहते हैं।
भगवान बुद्ध से जुड़ा है पेड़ का कनेक्शन
अब आप जानना चाहेंगे कि इस पेड़ में ऐसी क्या बात है जो जिसके लिए इतने खास इंतजाम किये गये हैं? दरअसल, साधारण सा दिखने वाला यह पेड़ बोधि वृक्ष के परिवार का हिस्सा है जिसके नीचे बैठकर महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था. यह बोधिवृक्ष 21 सितंबर 2012 को तत्कालीन श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने खुद रोपित किया था।इस पेड़ को रोपने के लिए राजपक्षे उस पेड़ की शाखा लाए थे, जो बोध गया के बोधिवृक्ष की शाखा से लंका में रोपा गया था।यही वजह है कि ये पेड़ देश के सबसे वीआईपी पेड़ों में शुमार हो गया।