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आपको भी नुकसान पहुंचा सकता है काला जादू, ये बातें जानकर दंग रह जाएंगे आप

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही घर में हुई 11 लोगों की मौत की रहस्य गहराता जा रहा है।

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Vinay Saxena

Jul 02, 2018

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आपको भी नुकसान पहुंचा सकता है काला जादू, ये बातें जानकर दंग रह जाएंगे आप

नई दिल्ली: दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही घर में हुई 11 लोगों की मौत की रहस्य गहराता जा रहा है। घर पर मिले सबूतों के आधार पर शक की सुई काले जादू और अंधविश्वास की तरफ घूम रही है। हालांकि, अभी तक कुछ भी साफ नहीं हो पाया है कि आखिर मौत कैसे हुई। ऐसे में हम आपको काले जादू के बारे में कुछ बातें बता रहे हैं।

आज भी लोगों के लिए रहस्य है ये विद्या


सामान्य लोगों के लिए आज भी ये विद्या एक रहस्य है। काला जादू का नाम सामने आते ही भारत का बंगाल की बात दिमाग में आती है, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत से ज्यादा काला जादू अफ्रीका में होता है। अफ्रीका का काला जादू 'वूडू' नाम से जाना जाता है। इसमें जानवरों के शरीर के हिस्से व पुतले इस्तेमाल होते हैं।

कैसे होता है काला जादू?


तंत्र विज्ञान के अनुसार, इसे विशेष परिस्थितियों में अंजाम दिया जाता है। इस प्रक्रिया में गुड़िया जैसी दिखने वाली एक मूर्ति का उपयोग होता है। इसे कई तरह की खाने की चीजों से बनाया जाता है। इसमें विशेष मंत्रों से जान डाली जाती है। उसके बाद जिस व्यक्ति पर जादू करना होता है उसका नाम लेकर पुतले को जागृत किया जाता है।

काला जादू क्या होता है?

जानकारी के मुताबिक, ये जादू एक बंच ऑफ एनर्जी है, जो एक इंसान के द्वारा दूसरे इंसान पर भेजा जाता है। लॉ आॅफ कंसर्वेशन आॅफ एनर्जी के अनुसार, ऊर्जा को न ही पैदा किया जा सकता है और न ही इसे खत्म किया जा सकता है। सिर्फ इसके स्वरूप को दूसरे स्वरूप मे बदला जा सकता है। यदि ऊर्जा का सकारात्मक इस्तेमाल है, तो नकारात्मक इस्तेमाल भी है। बता दें, ऊर्जा सिर्फ ऊर्जा होती है, वह न तो दैवीय होती है और न शैतानी। आप उससे कुछ भी बना सकते हैं चाहें देवता या शैतान। यह बिजली की तरह होती है। क्या बिजली दैवीय या शैतानी, अच्छी या बुरी होती है? जब वह आपके घर को रोशन करती है, तो वह दिव्य होती है।

लोगों की परेशानियां दूर करने के लिए होता था इस्तेमाल, लेकिन...


जानकारों की मानें तो पुतले से किसी इंसान काे तकलीफ पहुंचाना इस जादू का उद्देश्य नहीं है। इस जादू के लिए काला जादू शब्द भी गलत है, दरअसल, ये तंत्र की एक विधा है। जिसे भगवान शिव ने अपने भक्तों को दिया था। पुराने समय में इस तरह का पुतला बनाकर उस पर प्रयोग सिर्फ कहीं दूर बैठे रोगी के उपचार व परेशानियां दूर करने के लिए किया जाता था।

निजी स्वार्थ के लिए होने लगा गलत इस्तेमाल

कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए इस प्राचीन विधा को गलत रूप में स्थापित किया। तभी से इसे काला जादू नाम दिया जाने लगा। उन्होंने अपनी ऊर्जा का उपयोग समाज को नुकसान पहुंचाने के लिए किया। बता दें, काले जादू से सुई के माध्यम से किसी तक अपनी नकारात्मक ऊर्जा पहुंचाकर उसे तकलीफ दी जा सकती है।