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8 साल तक नाक में फंसी रही बंदूक की गोली, डॉक्टर्स ने बड़ी मुश्किल से बचाई जान

एक बच्चे के नाक में बंदूक की गोली 8 साल तक फंसी रही। इस दौरान उस शख्स को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा। नाक से बदबूदार तरल बहता रहता था जिसके कारण शर्मिंदा भी होना पड़ता था।

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नई दिल्ली। दुनिया में कई ऐसे मामले होते हैं जो सभी को चौंका देते हैं। सोशल मीडिया पर भी आए दिन ऐसी ही अजीबोगरीब खबरें पढ़ने को मिलती है। अक्सर देखा जाता है छोटे बच्चे खेलते कूदते समय कुछ ऐसा कर बैठते हैं जिस जिसके कारण उनको उम्र भर परेशानी का सामना करना पड़ता है। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। खबरों के अनुसार एक बच्चे के नाक में बंदूक की गोली 8 साल तक फंसी रही। इस दौरान उस शख्स को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि उसको किसी भी तरह की गंध का एहसास नहीं होता था। उसकी नाक से बदबूदार तरल बहता रहता था जिसके कारण उसको कहीं बाहर शर्मिंदा भी होना पड़ता था

कुछ दवाई देकर भेज दिया था घर
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बंदूक की गोली के कारण उसको परेशानी ज्यादा होने लगी। जिसके कारण उसको डॉक्टर के पास जाना पड़ा। डॉक्टर ने बच्चे की नाक में टयूब कैमरा लगाकर देखा तो पाया कि उसकी नाक में टरबिनेट हाइपरट्रॉफी नाम की दिक्कत हो गई है। बच्चे की नाक में टरबिनेट्स नामक स्थान में सूजन आ गई है। आमतौर इस तरह की समस्या मौसमी एलर्जी या फिर साइनस की वजह से होती है। जांच के बाद डॉक्टर्स ने बच्चे को कुछ दवाई दी।

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नाक में फंसी थी 9 एमएम की गोली
16 साल की उम्र तक उसके घरवाले इस समस्या को आम दिक्कत समझते रहे। लेकिन उसकी नाक से बदबूदार तरल पदार्थ निकलता रहा। साथ ही बच्चे की हालत लगातार खराब होती चली गई। नाक से निकलने वाले बदबूदार फ्लूइड की वजह से शर्मिंदगी महसूस होती थी। अंत में वह डॉक्टर के पास गया। डॉक्टरों ने सीटी स्कैन किया तो पाया कि उसकी नाक में 9 एमएम की गोली अटकी है। डॉक्टर्स ने बच्चे की हालत देखकर फौरन उसकी सर्जरी की। ऑपरेशन में बच्चे की नाक से मेटल की बीबी पैलेट बाहर आई।

8 साल की उम्र में लगी थी लोगी
खबरों के अनुसार, उसके घरवालों ने बताया कि जब 8 से 9 साल का था तब उसे बंदूक की गोली लगी थी।
लेकिन उस समय कोई समस्या नहीं हुई। जिसके कारण उसको डॉक्टर के पास नहीं लेकर गए। फिर धीरे—धीरे ये समस्या बाद में बच्चे के लिए नासूर बन गई। इसलिए कहा जाता है कि कभी की बीमारी को छोटी नहीं समझना चाहिए। क्योंकि आगे जाकर वह बहुत बड़ी बीमारी बन जाती है।