
Rectal Prolapse causes symptoms and precautions in hindi
Rectal Prolapse Disease: आज के समय में महिलाओं में रेक्टल प्रोलैप्स की बीमारी सबसे ज्यादा हो रही है। ये बीमारी ज्यादातर महिलाओं में 50 की उम्र के बाद देखी जाती है। इस बीमारी में महिलाएं दर्द बर्दाश्त करती है, लेकिन इसके बारे में किसी को बताती नही है। महिलाएं शर्मिंदगी से बचने के लिए इस बीमारी को तब तक छिपाती हैं, जब तक की यह गंभीर रूप नहीं ले लेती है। तो आइए जानते हैं रेक्टल प्रोलैप्स बीमारी होने के कारण और इसके लक्षण के बारे में
रेक्टल प्रोलैप्स के कारण
आज के समय में रेक्टल प्रोलैप्स बीमारी की शिकार ज्यादातर महिलाएं हो रही है। ज्यादातर 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आ रही है। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं का पेल्विक एरिया कमजोर हो जाता है और आस पास की मांसपेशियों और टिशूज ढ़ीली पड़ने लगती हैं। रेक्टल प्रोलैप्स कमजोर मांसपेशियों के कारण होता है। रेक्टल प्रोलैप्स शरीर की एक ऐसी स्थिति है जब गुदा या मलद्वार बाहर आने लगता है। ये कई प्रकार का होता है। इसके अलावा, लंबे समय तक कब्ज की बीमारी और लगातार दस्त बने रहने से भी रेक्टल प्रोलैप्स का खतरा बढ़ जाता है।
रेक्टल प्रोलैप्स के लक्षण
बचाव
शुरूआत में महिलाएं रेक्टल प्रोलैप्स बीमारी को समझ नहीं पाती और इसलिए ये धीरे-धीरे गंभीर रूप लेने लगती है। कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नहीं तो लापरवाही करने पर ये आगे चले गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।
Updated on:
26 May 2022 12:22 pm
Published on:
26 May 2022 12:21 pm
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