
US Election Process
2024 US Presidential Election: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हर बार नवंबर के पहले सोमवार के बाद आने वाले पहले मंगलवार को ही होता है। इस बार यह तारीख तीन नवंबर है।
अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में मुख्य तौर पर दो पार्टियों डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी का ही दबदबा है, इसलिए राष्ट्रपति इनमें से ही किसी एक दल का होता है। दोनों उम्मीदवारों की आयु की बात करें तो जहां डोनाल्ड ट्रंप की उम्र 74 साल है । वहीं भारतवंशी कमला हैरिस की आयु 59 साल है।
अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी एक पुरातनपंथी राजनीतिक दल है। इस पार्टी से इस बार अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में मुख्य तौर पर दो पार्टियों डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी का ही दबदबा है, इसलिए राष्ट्रपति इनमें से ही किसी एक दल का होता है। दोनों उम्मीदवारों की आयु की बात करें तो जहां डोनाल्ड ट्रंप की उम्र 74 साल है । कमला हैरिस की आयु 59 साल है। डोनाल्ड ट्रंप
उम्मीदवार हैं और वो अगले चार सालों तक फिर से राष्ट्रपति बनने की कोशिश में लगे हुए हैं। रिपब्लिकन पार्टी को सबसे पुरानी पार्टी के तौर पर भी जाना जाता है।
हाल के सालों में ये पार्टी कम टैक्स, बंदूक रखने के अधिकार और प्रवासियों पर कड़ी पाबंदियां लगाने की वजह से जानी जाती है। अमेरिका के ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में इस पार्टी का आधार मजबूत लगता है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश, रोनाल्ड रीगन और रिचर्ड निक्सन रिपब्लिकन पार्टी से थे।
अमेरिका की दूसरी प्रमुख पार्टी डेमोक्रेट्स एक लिबरल पार्टी है और इस साल होने वाले चुनाव (US Presidential Election) में अब तक जो बाइडन इस पार्टी से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार थे। वो एक अनुभवी नेता हैं। बराक ओबामा के अमेरिकी राष्ट्रपति रहते हुए आठ सालों तक वो देश के उप राष्ट्रपति रह चुके हैं। उनके दावेदारी वापस लेने के बाद अब उप राष्ट्रपति कमला हैरिस इस पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हमेशा उस उम्मीदवार की नहीं होती है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा वोट आते हैं। जैसा कि आपने साल 2016 में हिलेरी क्लिंटन के मामले में देखा था। तब उन्हें देश भर में सबसे ज्यादा वोट आए थे, लेकिन वो हार गई थीं।
इसके बदले उम्मीदवारों को इलेक्टोरल कॉलेज वोट में जीतना होता है। हर राज्य में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल कॉलेज वोट होते हैं। यह राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करता है। कुल 538 वोट होते हैं जिनमें से 270 या फिर उससे ज्यादा वोट जीतने के लिए हासिल करने होते हैं।
इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देना चाहता है तो उसे राज्य स्तर पर हो रहे मुकाबले में वोट करना होगा, न कि राष्ट्रीय स्तर पर वोट देना होगा। जो भी उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोट पाता है, उसे राज्य के सभी इलेक्टोरल कॉलेज वोट चले जाते हैं।
अधिकतर राज्य किसी एक पार्टी की तरफ ज्यादा झुकाव रखते हैं। इसका मतलब यह है कि उम्मीदवार उस राज्य में ज्यादा ध्यान देते हैं, जहां उनके जीतने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे राज्यों को बैटलग्राउंड स्टेट बोलते हैं।
अगर आप अमेरिकी नागरिक हैं और 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं तो आप अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में वोट दे सकते हैं। हालांकि, कई राज्यों ने ऐसे क़ानून बनाए हैं कि मतदाता को वोट से पहले अपनी पहचान के दस्तावेज दिखाने होंगे।
रिपब्लिकन पार्टी का इस क़ानून पर खास जोर है। क्योंकि उनका मानना है कि वोट में धांधली को रोकने के लिए यह जरूरी है, लेकिन डेमोक्रेट्स इस मुद्दे पर उन पर आरोप लगाते हैं कि इस क़ानून का दुरुपयोग अक्सर गरीब और अल्पसंख्यक मतदाताओं को दबाने के लिए होता है, जो ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान पत्र दिखा पाने में भी असमर्थ होते हैं।
अलग-अलग राज्यों में कैदियों के वोट देने को लेकर भी अलग-अलग नियम हैं। ज्यादातर मामलों में दोषी पाए जाने के बाद वो अपना मतदान का अधिकार खो देते हैं लेकिन सजा काटने के बाद फिर से उन्हें मतदान का अधिकार हासिल हो जाता है।
ज्यादातर लोग चुनाव के दिन मतदान केंद्र पर वोट देते हैं, लेकिन हाल के बरसों में वैकल्पिक व्यवस्था भी शुरू हुई है। सन 2016 में 21 फीसद मतदाताओं ने डाक से वोट डाले थे।
Updated on:
22 Jul 2024 04:59 pm
Published on:
22 Jul 2024 02:55 pm
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