6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एंटीफा को ट्रंप ने किया आतंकी संगठन घोषित, जानिए क्या है यह मूवमेंट और कहाँ से मिलती है फंडिंग?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एंटीफा को देश में आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। क्या है एंटीफा? आइए जानते हैं।

less than 1 minute read
Google source verification

भारत

image

Tanay Mishra

Sep 18, 2025

Antifa declared terrorist organization by Donald Trump

Antifa declared terrorist organization by Donald Trump (Photo - Patrika Graphics)

अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एंटीफा (Antifa) नाम के वामपंथी कार्यकर्ता मूवमेंट को देश में आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। ट्रंप ने एंटीफा को एक बीमार, खतरनाक, कट्टरपंथी वामपंथी आपदा भी बताया और साथ ही यह भी साफ कर दिया कि एंटीफा के लिए फंडिंग करने वालों की उच्चतम कानूनी मानकों और प्रथाओं के अनुसार सख्त जांच की जाएगी।

क्या है एंटीफा?

एंटीफा, 'एंटी-फासिस्ट' (फासीवादी विरोधी) का संक्षिप्त रूप है। यह एक वामपंथी विचारधारा वाला मूवमेंट है, जो फासीवाद, नस्लवाद, और दक्षिणपंथी अतिवाद के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए जाना जाता है। यह कोई एक संगठित समूह या औपचारिक संस्था नहीं है, बल्कि कई अलग-अलग स्वतंत्र समूहों, कार्यकर्ताओं और व्यक्तियों का एक नेटवर्क है जो इन मुद्दों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और प्रत्यक्ष कार्रवाई में शामिल होते हैं। एंटीफा मुख्य रूप से अमेरिका और यूरोप में सक्रिय है।

एंटीफा को कहाँ से मिलती है फंडिंग?

एंटीफा एक औपचारिक संगठन नहीं है और न ही इसका कोई केंद्रीय खाता या पारदर्शी वित्तीय प्रणाली है। इसे फंडिंग अलग-अलग ज़रियों से मिलती है। व्यक्तिगत दान, ऑनलाइन क्राउडफंडिंग, स्थानीय समुदायों और वामपंथी संगठन, वामपंथी राजनीतिक समूह या गैर-लाभकारी संगठन इसके कुछ उदाहरण हैं। ट्रंप समेत कई दक्षिणपंथी संगठनों और राजनीतिक समूहों का यह भी मानना है कि एंटीफा को विदेशी स्रोतों से भी फंडिंग मिलती है। हालांकि इन दावों का कोई ठोस सबूत नहीं है।

फैलती है हिंसा और अराजकता

एंटीफा की गैर-केंद्रित प्रकृति की वजह से इसे लेकर विवाद भी है। कुछ लोग इसे हिंसा और अराजकता फैलाने वाला समूह मानते हैं, जबकि समर्थक इसे उत्पीड़न और असमानता के खिलाफ एक जरूरी मूवमेंट बताते हैं।