
बांग्लादेश खरीदेगा चीनी J-10CE फाइटर जेट (X)
भारत-पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए तनावपूर्ण ऑपरेशन सिंदूर में चीनी हथियारों की पोल खुलने के बावजूद, पड़ोसी देश बांग्लादेश ने चीन के उसी 'फेल' फाइटर जेट J-10CE को खरीदने का फैसला किया है। यह डील करीब 2.2 अरब डॉलर (लगभग 185 अरब रुपये) की बताई जा रही है, जिसमें 20 J-10CE जेट्स शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल बांग्लादेश की सैन्य आधुनिकीकरण की दिशा में है, बल्कि भारत के साथ बढ़ते तनाव का भी परिणाम हो सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर, जो अप्रैल में पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने आधी रात को शुरू किया था, ने पाकिस्तानी वायुसेना को करारा झटका दिया। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हाल ही में खुलासा किया कि इस ऑपरेशन में भारत ने हवा में ही 4-5 पाकिस्तानी फाइटर जेट्स जिनमें अमेरिकी F-16 और चीनी JF-17 शामिल थे उड़ा दिए। इसके अलावा, जमीनी हमलों में 4-5 और F-16 नष्ट हो गए, साथ ही एक निगरानी विमान (AEW&C) को 300 किमी दूर से ध्वस्त किया गया। पाकिस्तानी एयरबेस जैसे जैकोबाबाद और भोरी में रडार, कमांड सेंटर और रनवे को भारी नुकसान पहुंचा।
हालांकि, इस ऑपरेशन में चीनी J-10CE जेट की भूमिका विवादास्पद रही। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी J-10CE विमान भारतीय राफेल और अन्य जेट्स के सामने पूरी तरह फेल साबित हुआ। PL-15 मिसाइलें और YLC-8E रडार जैसी चीनी तकनीकें या तो मलफंक्शन कर गईं या भारतीय एयर डिफेंस ने उन्हें आसानी से निष्प्रभावी कर दिया। एक रिपोर्ट में कहा गया कि J-10CE की एवियोनिक्स और इंजन फेलियर के कारण पाकिस्तानी पायलट्स को भारी नुकसान हुआ, जो चीनी हथियारों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करता है।
ऐसे में बांग्लादेश का यह फैसला हैरान करने वाला है। बांग्लादेश वायुसेना, जो फिलहाल पुराने MiG-29 और चीनी F-7 जेट्स पर निर्भर है, अब J-10CE को अपनी फ्लीट में शामिल करने की तैयारी कर रही है। यह डील दिसंबर 2024 से चल रही बातचीत का नतीजा है, जब अमेरिका से F-16 डील नाकाम रहने के बाद बांग्लादेश ने चीन की ओर रुख किया। लेकिन J-10CE का चयन खासतौर पर चौंकाने वाला है, क्योंकि इसी मॉडल का प्रदर्शन ऑपरेशन सिंदूर में 'डिजास्टर' साबित हुआ था।
बांग्लादेश में हाल ही में चीनी F-7 BGI जेट के क्रैश ने भी चिंताएं बढ़ाई हैं। 21 जुलाई 2025 को ढाका के उत्तर इलाके में एक F-7 BGI ट्रेनिंग जेट क्रैश हो गया, जिसमें 19 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हुए। यह 2025 में दूसरा ऐसा हादसा था, जो चीनी जेट्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेश का यह कदम चीन की 'डिप्लोमैटिक प्रेशर' और आर्थिक मदद का नतीजा हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह जोखिम भरा साबित हो सकता है।
Published on:
08 Oct 2025 01:00 pm
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