
एमपी में फिर बढ़ा भावांतर योजना में सोयाबीन का रेट (Representational Photo)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' के बीच ब्रिक्स देशों ने अमेरिका पर आर्थिक दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। रूस और चीन पहले ही भारतीय सामान के लिए अपने बाजार खोल चुके हैं और अब चीन भी सोयाबीन खरीदने के लिए अमेरिका को छोड़कर ब्राज़ील का रुख कर रहा है। इससे अमेरिका के किसानों को बड़ा झटका लगने वाला है। गौरतलब है कि भारत, रूस, चीन और ब्राज़ील, चारों ही ब्रिक्स के सदस्य देश हैं और ट्रंप के टैरिफ के पूरी तरह से खिलाफ हैं।
चीन दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन खरीदार है। पहले चीन, अमेरिका से बड़ी मात्रा में खरीद करता था, लेकिन अब उसने रुख बदला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सितंबर-अक्टूबर के लिए चीन ने अमेरिका से एक भी टन सोयाबीन का कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया है।
चीन के इस फैसले से अमेरिकी किसान बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। सोयाबीन किसानों ने राष्ट्रपति ट्रंप को चिट्ठी लिखकर चेतावनी दी है कि वो अपने सबसे बड़े ग्राहक यानी चीन को खोने की स्थिति में लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे।
जुलाई में चीन ने अमेरिका से सिर्फ 4.2 लाख टन सोयाबीन खरीदा, जो पिछले साल की तुलना में 11% कम है। वहीं ब्राज़ील से सोयाबीन आयात में भारी उछाल देखा गया है। केवल पिछले महीने ही चीन के कुल सोयाबीन आयात में से लगभग 90% ब्राज़ील से आया, जबकि अमेरिका का हिस्सा सिर्फ 4% रह गया। चीन-ब्राज़ील के रिश्ते भी मजबूत हो रहे हैं। चाइनीज़ राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा से बातचीत के बाद कहा था कि चीन, ब्राज़ील के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा का समर्थन करता है।
Updated on:
23 Aug 2025 10:07 am
Published on:
23 Aug 2025 10:03 am
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