
इज़राइल के युद्ध न रोकने पर कई देशों ने प्रतिबंधों की धमकी दी है। (फोटो क्रेडिट: ANI)
Israel Sanctions Warning: इज़राइल और ग़ाज़ा में जारी संघर्ष (Gaza War Response) के चलते ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने इज़राइल (UK France Canada Israel) को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर उसने युद्ध विराम नहीं किया और अपनी सैन्य कार्रवाइयां नहीं रोकीं, तो (Israel Sanctions) उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इन देशों ने इज़राइल पर सख्त आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। यह चेतावनी तब दी गई है जब इज़राइल ने ग़ाज़ा पट्टी में अपनी सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है, जिससे भारी मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है और नागरिकों की मौतें हो रही हैं।
अल जज़ीरा व अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा का कहना है कि इज़राइल के खिलाफ लगाए जाने वाले प्रतिबंधों का उद्देश्य उसे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का पालन करने के लिए मजबूर करना है। ग़ाज़ा में इज़राइल की कार्रवाई ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी तीखी आलोचना प्राप्त की है। ये देशों का मानना है कि इज़राइल की ओर से की जा रही सैन्य कार्रवाई फिलिस्तीनियों के खिलाफ अत्याचार की मिसाल बन चुकी है और इसे तत्काल रोकना चाहिए।
ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर इज़राइल ने युद्ध विराम के लिए सहमति नहीं दी और अपनी सैन्य कार्रवाई बंद नहीं की, तो इन देशों की ओर से इज़राइल पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इनमें मुख्य रूप से ये कदम शामिल हो सकते हैं:
विशेषज्ञों के अनुसार इज़राइल से होने वाला आयात-निर्यात सीमित किया जा सकता है। इससे इज़राइल के व्यापारिक संबंधों पर बड़ा असर पड़ेगा। विशेष रूप से यूरोपीय संघ और उत्तरी अमेरिका जैसे प्रमुख व्यापारिक साझेदारों से उसका व्यापार प्रभावित हो सकता है। इज़राइल का प्रमुख निर्यात रक्षा उपकरण, उच्च तकनीकी उत्पाद (जैसे कम्प्यूटर सॉफ़्टवेयर और फार्मास्युटिकल्स) और कृषि उत्पाद हैं, जो अब संकट में पड़ सकते हैं।
इन देशों की ओर से इज़राइल में नए निवेश पर रोक लगाई जा सकती है। इसके अलावा, इज़राइल के सरकारी और निजी क्षेत्र के साथ किसी भी प्रकार के वित्तीय सहयोग भी कम किया जा सकता है।
इज़राइल के खिलाफ वीज़ा प्रतिबंध और यात्रा पर भी रोक लगाई जा सकती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन और कारोबारी संपर्कों में गिरावट आ सकती है।
कनाडा और फ्रांस जैसे देशों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि यदि इज़राइल अपनी सैन्य कार्रवाई नहीं रोकता, तो वे उसे हथियारों की आपूर्ति रोक सकते हैं। इज़राइल लंबे समय से पश्चिमी देशों से सैन्य सहायता प्राप्त करता रहा है, विशेषकर अमेरिका, ब्रिटेन, और यूरोपीय देशों से मदद ले सकता है । ऐसे में सैन्य आपूर्ति पर रोक लगाने से इज़राइल की सैन्य क्षमता पर गहरा असर पड़ेगा। खासकर आधुनिक रक्षा उपकरण और तकनीकी सहायता की आपूर्ति रुकने से इज़राइल को अपनी सैन्य रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है।
ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने यह भी संकेत दिया है कि अगर इज़राइल युद्ध विराम पर सहमत नहीं होता है, तो मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालतों में उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इन देशों का मानना है कि इज़राइल ने गाजा में जिन कार्रवाइयों को अंजाम दिया है, वे युद्ध अपराधों के तहत आ सकते हैं। ऐसे में इज़राइल पर युद्ध अपराध के आरोप लगाए जा सकते हैं और उसे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में घसीटा जा सकता है।
अगर इज़राइल पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाते हैं, तो उसकी अर्थव्यवस्था को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है। इज़राइल की आर्थिक संरचना का बड़ा हिस्सा निर्यात से आता है, और ऐसे में व्यापारिक प्रतिबंधों से उसकी आय में भारी गिरावट हो सकती है। इज़राइल के रक्षा उद्योग, टेक्नोलॉजी, और कृषि उत्पादों की बिक्री पर भी असर पड़ेगा, जिससे उसकी आर्थिक वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इज़राइल की कूटनीतिक स्थिति भी इससे प्रभावित हो सकती है। यदि प्रमुख पश्चिमी देश इज़राइल से अपने राजनयिक और व्यापारिक संबंधों को कमजोर करते हैं, तो इज़राइल वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ सकता है। इससे इज़राइल के वैश्विक समर्थन में कमी आ सकती है, और उसे अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
इज़राइल की सैन्य क्षमता पर भी इन प्रतिबंधों का गहरा असर पड़ सकता है। यदि उसे जरूरी सैन्य उपकरणों की आपूर्ति नहीं मिलती है, तो उसकी सैन्य कार्रवाई की प्रभावशीलता में कमी आ सकती है। इसके अलावा, प्रतिबंधों के कारण इज़राइल को अपनी रक्षा नीति में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
इज़राइल और फिलिस्तीनी समूहों के बीच संघर्ष पिछले कुछ महीनों से बहुत बढ़ चुका है, और ग़ाज़ा पट्टी में भारी मानवाधिकार उल्लंघन के मामले सामने आ रहे हैं। हजारों लोग मारे गए हैं, और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इज़राइल से अपील की है कि वह अपनी सैन्य कार्रवाइयों को रोके और शांति बहाल करने की दिशा में कदम उठाए। इस पर नेतन्याहू ने एक्स पर कमेंट किया है:
बहरहाल ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा का इज़राइल के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों की चेतावनी देना यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इज़राइल की कार्रवाइयों के खिलाफ अधिक सक्रिय हो गया है। हालांकि, इज़राइल की सरकार ने इन चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया है और उसने गाजा में अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखने का संकेत दिया है। अब यह देखना होगा कि क्या इन देशों की ओर से दिए गए प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप इज़राइल अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाता है या नहीं।
Published on:
20 May 2025 01:42 pm
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