
Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन और G7 के देशों से अपील की है कि वह भारत और चीन पर रूसी तेल खरीदने के कारण 100 फीसदी टैरिफ लगाए। ट्रंप के इस बयान पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। स्लोवेनिया की राजकीय यात्रा के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि बीजिंग न तो किसी युद्ध की साजिश रचता है, और न ही उसमें शामिल होता है। उन्होंने कहा कि युद्ध समस्याओं का हल नहीं है। आर्थिक प्रतिबंध केवल जटिलताएं बढ़ाते हैं।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति बीते कुछ दिनों से भारत और चीन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कह रहे हैं। पहले उन्होंने यूरोपीय यूनियन से अपील की, फिर G7 देशों के वित्त मंत्री के साथ बैठक से पहले यह बात कही, और अब ट्रंप ने नाटो सदस्यों और पूरी दुनिया को संबोधित पत्र में लिखा, 'मैं रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने को तैयार हूं, जब सभी नाटो राष्ट्र सहमत हों और ऐसा करना शुरू करें, और जब सभी नाटो राष्ट्र रूस से तेल खरीदना बंद कर दें।'
ट्रंप ने अपने पत्र में आगे लिखा कि कुछ नाटो सदस्यों द्वारा रूसी तेल की खरीद चौंकाने वाली है। इससे रूस पर युद्ध खत्म करने का दवाब कम होता है। बता दें कि रूसी तेल खरीदने के कारण अमेरिका, भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा चुका है, लेकिन उसने चीन पर कोई टैरिफ नहीं लगाया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि बीजिंग और वाशिंगटन अपने मार्ग से न भटकें या गति न खोएं। साथ मिलकर आगे बढ़ें। बता दें कि चीन, रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है। 2024 में रिकॉर्ड 109 मिलियन टन तेल आयात कर चुका है। यह चीनी ऊर्जा आयात का लगभग 20 फीसदी है।
Published on:
14 Sept 2025 06:47 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
