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ड्रैगन के सैन्य ताकत दिखाने से बौखलाए डोनाल्ड ट्रंप : चीन, रूस व उत्तर कोरिया के बारे में कही बड़ी बात

China Military Parade 2025:बीजिंग में चीन की सैन्य परेड पर ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी और चीन, रूस, उत्तर कोरिया पर अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।

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भारत

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MI Zahir

Sep 03, 2025

Donald Trump

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो- IANS)

China Military Parade 2025: चीन ने हाल ही में बीजिंग के ऐतिहासिक थियानमेन चौक पर एक भव्य सैन्य परेड (China Military Parade 2025) का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य चीन की सैन्य ताकत और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को दुनिया के सामने लाना था। खास बात यह रही कि इस कार्यक्रम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ( Kim jong un) को भी आमंत्रित किया गया। तीनों देशों की इस नजदीकी ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समारोह पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर तीनों देशों पर अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) ने अपने पोस्ट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) को याद दिलाया कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय अमेरिका ने ही चीन को जापानी आक्रमण से बचाने में मदद की थी। उन्होंने कहा कि उस दौर में हजारों अमेरिकी सैनिकों ने अपनी जान गंवाई, और चीन को इस बलिदान को भूलना नहीं चाहिए।

व्यंग्य के साथ दी गईं शुभकामनाएं

ट्रंप ने अपने संदेश में शी जिनपिंग को यह भी कहा कि यह परेड उनके लिए गर्व का विषय हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने व्यंग्य करते हुए पुतिन और किम जोंग उन को "शुभकामनाएं" दीं। हालांकि यह शुभकामनाएं व्यंग्यात्मक अंदाज़ में थीं, जिससे साफ जाहिर होता है कि ट्रंप इस गठजोड़ से नाखुश हैं।

समारोह में क्या-क्या हुआ ?

इस भव्य आयोजन में चीन की आधुनिक मिसाइलें, लड़ाकू विमान, और सैन्य टुकड़ियां शामिल रहीं। थियानमेन चौक पर हुए इस प्रदर्शन को चीन की सैन्य क्षमता और भविष्य की शक्ति नीति के तौर पर देखा जा रहा है। रूस और उत्तर कोरिया की भागीदारी ने इस आयोजन को और भी अंतरराष्ट्रीय महत्व दे दिया है।

क्या बदल रही है वैश्विक शक्ति संतुलन की दिशा ?

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आयोजन सिर्फ एक सैन्य परेड नहीं था, बल्कि चीन, रूस और उत्तर कोरिया की रणनीतिक एकता का प्रतीक भी है। तीनों देशों के बीच बढ़ता सहयोग अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए एक चुनौती बन सकता है।

अमेरिका की प्रतिक्रिया और वैश्विक असर

अमेरिकी अधिकारियों ने भी कहा है कि वे इस पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। ट्रंप की बयानबाज़ी से यह साफ है कि अमेरिका को इस गठबंधन से भविष्य में सुरक्षा चुनौतियों का अंदेशा है।

क्या नया शक्ति ध्रुव बन रहा है ?

बहरहाल अब सवाल यह है कि क्या यह तीन देशों की नजदीकी एक नए वैश्विक शक्ति संतुलन की शुरुआत है? और क्या अमेरिका व उसके सहयोगी देशों के लिए यह भविष्य की चुनौती बनकर उभरेगा?