
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो- X/@SyedAsimMunir)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर से मुलाकात की। शाहबाज और मुनीर की ट्रंप से लगभग 30 मिनट तक बातचीत चली। इस दौरान, दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
हालांकि, इस बैठक से पहले शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को काफी देर तक गेट पर ही इंतजार करना पड़ा। बताया जा रहा है कि जब शरीफ और मुनीर, ट्रंप का इंतजार कर रहे थे, तो उसी समय अमेरिकी राष्ट्रपति 'टिकटॉक' को लेकर कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर रहे थे और प्रेस से मुलाकात जारी थी।
इसी कारण उन्हें ट्रंप से मुलाकात करने के लिए गेट पर ही इंतजार करना पड़ा। जैसे ही अमेरिकी राष्ट्रपति की मुलाकात खत्म हुई, उसके बाद उन्हें ट्रंप से मिलने का मौका मिला।
अब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे संबंधों को लेकर शिकागो विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर पॉल पोस्ट ने बड़ा खुलासा किया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका मुख्य रूप से पाकिस्तान से अपने संबंधों को इसलिए गहरा कर रहा है ताकि वह अपने सैन्य पहुंच को और मजबूत कर सके। अमेरिका का उद्देश्य अपनी सेना को पाकिस्तान के जरिए चीन और ईरान जैसे अपने विरोधियों के और करीब पहुंचाना है।
पोस्ट ने कहा कि पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है, जिससे अमेरिका को समय आने पर इन दोनों देशों को सबक सिखाने में मदद मिल सकती है।
इस बीच, प्रोफेसर ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर का भी उदाहरण दिया, जिसमें अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर एक सैन्य अभियान चलाया था।
यह ऑपरेशन 22 जून 2025 को हुआ था, जिसमें अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया।
पोस्ट ने कहा कि ऐसा ऑपरेशन उन क्षेत्रों के देशों में अमेरिकी ठिकानों व अमेरिकी कर्मियों की मौजूदगी के कारण ही संभव हो पाया।
प्रोफेसर ने आगे कहा कि अब ट्रंप प्रशासन ईरान और चीन को लेकर ज्यादा खुलकर बात करने को तैयार है। वह चाहता है कि पाकिस्तान के सैन्य अधिकारी उनसे सीधे बात करें।
Updated on:
26 Sept 2025 01:43 pm
Published on:
26 Sept 2025 01:40 pm
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