7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अकेले रहने वाले मिर्गी मरीजों में अचानक मौत का खतरा ज़्यादा, रिसर्च से हुआ खुलासा

New Research: हाल ही में एक रिसर्च से अकेले रखने वाले मिर्गी मरीजों के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Tanay Mishra

Oct 11, 2025

Epilepsy patient

Epilepsy patient (Representational Photo)

मिर्गी (Epilepsy) एक घातक बीमारी है। यह एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिससे मरीज के दिमाग में असामान्य गतिविधि के कारण उसे बार-बार दौरे पड़ते हैं। ये दौरे शरीर में ऐंठन, बेहोशी, या असामान्य व्यवहार के रूप में दिखाई दे सकते हैं। यह किसी भी उम्र में हो सकता है और इसके कारणों में आनुवंशिकता, मस्तिष्क की चोट, या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हो सकती हैं। हालांकि दवा, जीवनशैली में बदलाव और कभी-कभी सर्जरी से इसका इलाज संभव है, लेकिन मिर्गी के मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और ऐसे में उनका ध्यान रखना काफी ज़रूरी है। हाल ही में मिर्गी के मरीजों के बारे में एक रिसर्च से बड़ा खुलासा हुआ है।

अकेले रहने वाले मिर्गी मरीजों में अचानक मौत का खतरा ज़्यादा

एक रिसर्च में मिर्गी से अचानक या अप्रत्याशित होने वाली मौतों (एसयूडीईपी) की वजह सामने आई है। हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन के 9 चिकित्सा केंद्रों पर की गई एक बड़ी रिसर्च में सामने आया है कि मिर्गी के जो मरीज अकेले रहते हैं या जिन्हें बार-बार, खासकर रात में दौरे पड़ते हैं, उनमें अचानक मौत का खतरा कई गुना ज़्यादा होता है।

2,632 मरीजों पर की गई रिसर्च

यह रिसर्च दस साल में 2,632 मरीजों, जिनमें बच्चों और वयस्क, दोनों शामिल हैं, पर की गई। हाल ही में इस रिसर्च का परिणाम सामने आया जिससे पता चला कि 38 लोगों की मौत एसयूडीईपी के कारण हुई। यानी कि हर 1,000 मिर्गी मरीजों में लगभग 5 की मौत अचानक हुई। यह रिसर्च 'द लैंसेट' में प्रकाशित हुई है।

इन मरीजों में खतरा ज़्यादा

रिसर्च के अनुसार अकेले रहने वाले मरीजों में अचानक मौत का खतरा 7 गुना तक बढ़ जाता है। जिन मरीजों को साल में तीन या उससे ज़्यादा बार दौरे पड़ते हैं, उनमें भी अचानक मौत का खतरा ज़्यादा होता है। इसके साथ ही ऐसे मरीजों में दौरे के दौरान या उसके बाद लंबे समय तक सांस रुकने का भी खतरा होता है।