
Epilepsy patient (Representational Photo)
मिर्गी (Epilepsy) एक घातक बीमारी है। यह एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिससे मरीज के दिमाग में असामान्य गतिविधि के कारण उसे बार-बार दौरे पड़ते हैं। ये दौरे शरीर में ऐंठन, बेहोशी, या असामान्य व्यवहार के रूप में दिखाई दे सकते हैं। यह किसी भी उम्र में हो सकता है और इसके कारणों में आनुवंशिकता, मस्तिष्क की चोट, या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हो सकती हैं। हालांकि दवा, जीवनशैली में बदलाव और कभी-कभी सर्जरी से इसका इलाज संभव है, लेकिन मिर्गी के मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और ऐसे में उनका ध्यान रखना काफी ज़रूरी है। हाल ही में मिर्गी के मरीजों के बारे में एक रिसर्च से बड़ा खुलासा हुआ है।
एक रिसर्च में मिर्गी से अचानक या अप्रत्याशित होने वाली मौतों (एसयूडीईपी) की वजह सामने आई है। हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन के 9 चिकित्सा केंद्रों पर की गई एक बड़ी रिसर्च में सामने आया है कि मिर्गी के जो मरीज अकेले रहते हैं या जिन्हें बार-बार, खासकर रात में दौरे पड़ते हैं, उनमें अचानक मौत का खतरा कई गुना ज़्यादा होता है।
यह रिसर्च दस साल में 2,632 मरीजों, जिनमें बच्चों और वयस्क, दोनों शामिल हैं, पर की गई। हाल ही में इस रिसर्च का परिणाम सामने आया जिससे पता चला कि 38 लोगों की मौत एसयूडीईपी के कारण हुई। यानी कि हर 1,000 मिर्गी मरीजों में लगभग 5 की मौत अचानक हुई। यह रिसर्च 'द लैंसेट' में प्रकाशित हुई है।
रिसर्च के अनुसार अकेले रहने वाले मरीजों में अचानक मौत का खतरा 7 गुना तक बढ़ जाता है। जिन मरीजों को साल में तीन या उससे ज़्यादा बार दौरे पड़ते हैं, उनमें भी अचानक मौत का खतरा ज़्यादा होता है। इसके साथ ही ऐसे मरीजों में दौरे के दौरान या उसके बाद लंबे समय तक सांस रुकने का भी खतरा होता है।
Updated on:
11 Oct 2025 11:03 am
Published on:
11 Oct 2025 11:00 am
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