
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- IANS)
पृथ्वी का बढ़ता तापमान अब हवाई सफर को भी असुरक्षित बना सकता है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के शोध में सामने आया है कि जलवायु परिवर्तन से ऊंचाई पर वायुमंडल अस्थिर हो रहा है, जिससे क्लियर-एयर टर्बुलेंस यानी अदृश्य झटकों का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा।
अध्ययन के अनुसार, 1979 से 2020 तक गंभीर टर्बुलेंस के घंटे 55% बढ़े। 2015 से 2100 के बीच जेट स्ट्रीम में विंड शियर 16-27% तक बढ़ सकता है और वायुमंडल 10-20% तक कम स्थिर होगा। यह स्थिति उत्तरी व दक्षिणी दोनों गोलार्धों को प्रभावित करेगी।
क्लियर-एयर टर्बुलेंस रडार पर दिखाई नहीं देता, जिससे पायलटों के लिए इसे टालना कठिन हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए पायलटों को लंबे समय तक सीट बेल्ट संकेत चालू रखना पड़ सकता है और एयरलाइंस को नई तकनीक अपनानी होगी।
हवाई टर्बुलेंस हवा के प्रवाह में अचानक बदलाव के कारण होता है, जिससे विमान को झटके लगते हैं। यह विमान की ऊंचाई या कोण में अनियमित परिवर्तन का कारण बनता है।
टर्बुलेंस से बचाव के लिए यात्रियों को अपनी सीट बेल्ट पहननी चाहिए और सीट पर बैठे रहना चाहिए। पायलट के निर्देशों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है। विमान को टर्बुलेंस के लिए डिज़ाइन किया गया है, और पायलटों को टर्बुलेंस से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
Published on:
29 Aug 2025 10:54 am
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