
चीन-अमरीका सहित कई विकसित देश जहां आर्थिक मंदी के साये में जी रहे हैं, वहीं क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां भारत के विकास दर अनुमान को बढ़ा रही हैं। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने सोमवार को मिड टर्म में भारत के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 5.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है, वहीं चीन के जीडीपी ग्रोथ 5.3 प्रतिशत से घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया है। इतना ही नहीं, चीन को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के मोर्चे पर भी बड़ा झटका लगा है। विदेशी निवेशक लगातार चीन से बाहर निकल रहे हैं। 25 साल में पहली बार चीन में एफडीआइ निगेटिव रहा।
चीन को अमरीका के साथ पंगा पड़ा महंगा
दुनिया के दूसरे देशों में ज्यादा ब्याज दर और निवेश पर अधिक रिटर्न के साथ अमरीका से ट्रेड वॉर और भू-राजनयिक तनाव की वजह से विदेशी निवेशक चीन को छोड़ रहे हैं। सितंबर तिमाही में चीन को मिलने वाली एफडीआइ 11.8 अरब डॉलर निगेटिव में रही। वर्ष 1998 के बाद पहली बार चीन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में गिरावट आई है। वहीं चीन से फॉरेन एक्सचेंज का आउटफ्लो सितंबर में 75 अरब डॉलर रहा, जो वर्ष 2016 के बाद सबसे अधिक है।
इसलिए भारत की संभावनाएं बेहतर
फिच ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मध्यम अवधि में 6.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकती है। आने वाले समय में भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं ऊभरते बाजारों के साथ दुनियाभर में सबसे बेहतर हैं। टॉप-10 उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत की आर्थिक वृद्धि दर सबसे ज्यादा रहने वाली है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, इसकी वजह भारत में रोजगार की स्थिति में सुधार और वर्किंग एज पॉपुलेशन के फोरकास्ट में सुधार होना है। देश में श्रम उत्पादकता भी अन्य देशों की तुलना में बेहतर है।
इन देशों के अनुमान में भी सुधार
फिच ने भारत के अलावा ब्राजील, मैक्सिको, इंडोनेशिया, पोलैंड और तुर्की के ग्रोथ रेट अनुमान को बढ़ाया है। वहीं चीन और रूस जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लिए फिच ने ग्रोथ रेट के अनुमान को कम किया है। फिच ने कहा कि चीन में सुस्ती की वजह से टॉप-10 उभरती अर्थव्यवस्थाओं के ग्रोथ अनुमान को 4.3त्न से कम करके 4त्न किया गया है।
...तो बढ़ानी होगी ब्याज दरें
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि अगर लंबे समय तक तेल की कीमतें 110 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहती हैं, तो भारत की आर्थिक स्थिरता को खतरा हो सकता है। इसे संभावित रूप से आरबीआइ को फिर ब्याज दरों में वृद्धि करनी पड़ सकती है। अगर तेल की कीमतें 95 डॉलर प्रति बैरल पर रहती हैं, तो भारतीय अर्थव्यवस्था मैनेज में सक्षम है।
(जीडीपी ग्रोथ का अनुमान फीसदी में)
| देश | पहले का अनुमान | ताजा अनुमान |
| भारत | 5.5 | 6.2 |
| चीन | 5.3 | 4.6 |
| मैक्सिको | 1.4 | 2.0 |
| रूस | 1.6 | 0.8 |
| द. कोरिया | 2.3 | 2.1 |
| द. अफ्रीका | 1.2 | 01 |
| पोलैंड | 2.6 | 3.0 |
| ब्राजील | 1.5 | 1.7 |
| इंडोनेशिया | 4.7 | 4.9 |
Published on:
07 Nov 2023 08:35 am
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