
फ्रांस में भारतीय वायु सेना के द्विपक्षीय वायु अभ्यास गरुड़ 2025 के नजारे। ( फोटो: ANI )
Garuda 2025 Exercise : भारत ने फ्रांस के आसमान पर अपनी फौलादी ताकत की अनुभूति करवाई। इन दिनों मोंट-डी-मार्सन एयरबेस (Mont-de-Marsan Exercise) पर आसमान में गर्जना हो रही है। भारतीय वायुसेना और फ्रांसीसी वायु व अंतरिक्ष सेना का संयुक्त अभ्यास गरुड़ 2025 (Garuda 2025 Exercise) के दौरान यह नजारा देखने को मिला। यह अभ्यास (India France Air Exercise) का आठवां संस्करण है और अब तक का सबसे बड़ा और हाई-इंटेंसिटी संस्करण माना जा रहा है। ध्यान रहे कि भारतीय वायुसेना ने अपना सबसे ताकतवर फाइटर जेट सुखोई-30 MKI फ्रांस भेजा है। इनके सामने है फ्रांस का घातक राफेल (Su-30MKI Rafale Drills) और हमारा मिराज-2000। दोनों देशों के पायलट एक-दूसरे के साथ उड़ान भर रहे हैं और हवा में अपनी फौलादी युद्धक ताकत दिखा रहे हैं।
अभ्यास के दौरान हवा से हवा में मार करने वाले मिशन, एयर डिफेंस ऑपरेशन, बड़े पैमाने पर हमले के अभ्यास और लंबी दूरी तक हमला करने की रणनीति पर काम हो रहा है। सबसे खास बात – भारतीय IL-78 एयर-टू-एयर रीफ्यूलर ने Su-30MKI को हवा में ही ईंधन भरा, ताकि लड़ाकू विमान ज्यादा देर तक आसमान में डटे रह सकें।
इस रिहर्सल के दौरान सी-17 ग्लोबमास्टर III ने पूरे दल को भारत से फ्रांस तक पहुंचाया और वापसी में भी यही विमान साथ रहेगा। भारतीय वायुसेना ने एक्स पर जो वीडियो और फोटो शेयर किए हैं, उनमें Su-30MKI और राफेल कंधे से कंधा मिला कर उड़ते हुए दिख रहे हैं – यह नजारा किसी भी रक्षा प्रेमी के लिए रोमांचक है।
गौरतलब है कि भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी 1998 से चली आ रही है और रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग इसके मजबूत स्तंभ हैं। गरुड़ अभ्यास इसी पार्टनरशिप को और गहरा कर रहा है।
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के अभ्यास से न सिर्फ पायलटों का कौशल बढ़ता है, बल्कि आपात स्थिति में दोनों देश एक-दूसरे पर पूरा भरोसा कर सकते हैं। फ्रांसीसी पायलट भी Su-30MKI की ताकत और भारतीय पायलटों की सटीकता से बहुत प्रभावित हुए हैं।
बहरहाल, रक्षा विशेषज्ञों और आम लोगों में जबरदस्त उत्साह है। सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं – “दोनों देशों के जेट एक साथ उड़ते हुए देख कर गर्व हो रहा है”, “राफेल हमारा है, Su-30 हमारा है – दोनों मिल कर दुश्मन को पसीना छुड़ा देंगे!” इस अभ्यास से सबसे बड़ा फायदा यह है कि भारत ने राफेल के माध्यम से अपनी असली ताकत का पता चल रहा है, क्योंकि हमारे पास भी अब 36 राफेल हैं और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने इसके बारे में दुष्प्रचार किया था, जो गलत साबित हुआ। ( ANI)
Updated on:
27 Nov 2025 01:27 pm
Published on:
27 Nov 2025 01:02 pm
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