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RBI New Data: यूक्रेन युद्ध के बाद जॉर्जिया बना भारतीय मेडिकल छात्रों का नया ठिकाना, 5 गुना बढ़ा खर्च

जॉर्जिया में भारतीय MBBS छात्रों के लिए टॉप कॉलेजों की फीस 4,000-7,500 USD सालाना है, कुल 6 साल में 24,000-45,000 USD। सबसे सस्ते: बतूमी और अकाकी (24,000 USD), सबसे महंगे: DTMU (45,000 USD)।

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भारत

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MI Zahir

Nov 01, 2025

Study Abroad Trends 2025

Study Abroad Trends 2025(AI Image-Gemini)

Georgia Medical Education: यूक्रेन में चल रहा युद्ध अब चौथे साल में पहुंच गया है। इस संकट ने हजारों भारतीय छात्रों की जिंदगी बदल दी है। पहले यूक्रेन सस्ते मेडिकल कोर्स के लिए टॉप चुनिंदा देश था, लेकिन अब छात्र सुरक्षित और भरोसेमंद जगह की तलाश कर रहे हैं। इसी बीच जॉर्जिया तेजी से नया विकल्प उभर रहा है। आरबीआई के नए आंकड़े बताते हैं कि भारतीयों ने 2024-25 में जॉर्जिया (Indian Medical Students Georgia) में पढ़ाई के लिए 50.25 मिलियन डॉलर भेजे, जो 2018-19 के 10.33 मिलियन डॉलर से करीब पांच गुना ज्यादा है। युद्ध से पहले यूक्रेन भारतीय छात्रों का फेवरेट एजुकेशन पॉइंट था। 2020-21 में यहां 39 मिलियन डॉलर से ज्यादा पैसे भेजे गए। लेकिन 2022 में रूस के हमले के बाद हालात बिगड़े। सन 2022-23 में यह भेजने का ग्राफ गिर कर सिर्फ 10.6 मिलियन डॉलर रह गया। अब 2024-25 में यह आंकड़ा महज 2.4 मिलियन डॉलर है। मतलब, यूक्रेन टॉप लिस्ट से लगभग गायब हो चुका है। उसी दौरान जॉर्जिया (Georgia Medical Education) ने मौका लपक लिया। वह 2018-19 में यह 21वें नंबर पर था, जो अब 12वें पर पहुंच गया।

रूस भी बना मजबूत विकल्प

युद्ध के बावजूद रूस भारतीय छात्रों को लुभा रहा है। सन 2024-25 में रूस में पढ़ाई के लिए 69.94 मिलियन डॉलर भेजे गए, जो पिछले साल से 200% ज्यादा हैं। इसी तरह 2018-19 में रूस 23वें स्थान पर था, अब 11वें पर है। छात्र सीमावर्ती इलाकों से दूर शहर चुन रहे हैं। मन में आशंकाएं हैं, सुरक्षा चिंता है, लेकिन तसल्ली यह है कि कोर्स सस्ते और मान्यता प्राप्त हैं।

जॉर्जिया की खासियतें, जो छात्रों को पसंद आ रही हैं

जॉर्जिया पहले से फिजियोथैरेपी और पैरा मेडिकल कोर्स के लिए मशहूर था। अब एमबीबीएस भी टॉप पर है। कारण? सस्ती फीस, आसान वीजा, यूरोप के करीब होना और रहने की सुविधा। कई छात्र यूक्रेन से सीधे जॉर्जिया ट्रांसफर कर रहे हैं। एडुआब्रॉड कंसल्टिंग की सीईओ प्रतिभा जैन कहती हैं, “जॉर्जिया युद्ध से पहले भी पॉपुलर था। अब और बढ़ गया है, क्योंकि छात्र सुरक्षा चाहते हैं। यहां पढ़ाई पूरी कर काम भी कर सकते हैं।”

आरबीआई के आंकड़े क्या कहते हैं ?

आरटीआई से मिले एलआरएस डेटा के मुताबिक, 2024-25 में कुल शिक्षा राशि भेजने में गिरावट आई है, लेकिन जॉर्जिया में इस मामले में 19% का इजाफा हुआ। मसलन 2023-24 में 42.38 मिलियन डॉलर थे, अब 50.25 मिलियन। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, 2019 में सिर्फ 4,148 भारतीय जॉर्जिया पढ़ने गए थे । 2023 में यह संख्या 10,470 हो गई।

टॉप देशों में क्या बदलाव आया ?

अमेरिका अभी भी नंबर-1 है, लेकिन 2023-24 से 10% कम पैसे भेजे गए। कनाडा में सबसे बड़ी गिरावट – 43%। ऑस्ट्रेलिया में 5% कम। ब्रिटेन में 12% बढ़ोतरी, जर्मनी में 70% उछाल। लेकिन मेडिकल स्टडीज में जॉर्जिया और रूस नए सितारे हैं।

छात्रों के लिए नया ट्रेंड

विदेशी शिक्षा सलाहकार बताते हैं कि जॉर्जिया में कोर्स विश्व स्तर के हैं। अंग्रेजी में पढ़ाई, कम खर्च और सुरक्षित माहौल। युद्ध ने छात्रों को सोचने पर मजबूर किया। अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। जॉर्जिया ने यह मौका बखूबी इस्तेमाल किया।

जॉर्जिया के टॉप मेडिकल कॉलेज: MBBS फीस स्ट्रक्चर 2025

भारतीय छात्र सुरक्षा भी देख रहे

यह ट्रेंड दिखाता है कि भू-राजनीतिक संकट शिक्षा को कैसे प्रभावित करते हैं। भारतीय छात्र अब सिर्फ सस्ते कोर्स नहीं, सुरक्षा भी देख रहे हैं। जॉर्जिया का उभार एक स्मार्ट शिफ्ट है।