script

Germany Election 2021: जर्मनी के चुनाव में SDP बहुमत की ओर, मर्केल की पार्टी दूसरे नंबर पर, ओलाॅफ शाल्स बन सकते हैं चांसलर

locationनई दिल्लीPublished: Sep 27, 2021 01:44:05 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

जर्मनी चुनाव में तीन पार्टियां रेस में हैं। इनमें सीडीयू-सीएसयू के आर्मिन लाशेट, एसपीडी के ओलाफ शॉल्स और ग्रीन पार्टी की अनालेना बेयरबॉक। इनमें से ही कोई अगला जर्मनी का चांसलर बनेगा।
 

spd.jpg
नई दिल्ली।

जर्मनी में संसदीय चुनाव के लिए रविवार को वोटिंग हुई। जर्मनी की मौजूदा चांसलर एंजेला मर्केल की 16 साल सत्ता में रहने के बाद विदाई की घड़ी नजदीक आ गई है। जब तक नया नेता कार्यभार नहीं संभाल लेता तब तक बतौर कार्यवाहक चांसलर वह पद पर बनी रहेंगी और इसके बाद रिटायरमेंट का आनंद उठाएंगी।
जर्मनी चुनाव में तीन पार्टियां रेस में हैं। इनमें सीडीयू-सीएसयू के आर्मिन लाशेट, एसपीडी के ओलाफ शॉल्स और ग्रीन पार्टी की अनालेना बेयरबॉक। इनमें से ही कोई अगला जर्मनी का चांसलर बनेगा। फिलहाल वोटों की गिनती में एसपीडी आगे है और ओलाफ शॉल्स का चांसलर बनना तय माना जा रहा है। यदि उन्हें भी बहुमत हासिल नहीं होता है, तो गठबंधन सरकार बनेगी। वहीं, एंजेला मर्केल ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह इस बार चांसलर पद की रेस में नहीं हैं। इसीलिए उन्होंने इस बार चुनाव भी नहीं लड़ा।
यह भी पढ़ें
-

असम की घटना पर पाकिस्तान में बवाल, इमरान सरकार ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया

वैसे, भारत समेत सभी देशों की नजर जर्मनी में होने वाले चुनाव पर है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है परिणाम कब तक जारी होंगे, मगर संभवत: इसमें एक या दो दिन लगा सकता है। लेकिन अभी तक वहां आए एग्जिट पोल में एसपीडी की सरकार बनती दिख रही है।
जर्मनी की आबादी करीब 8 करोड़ 30 लाख है। यहां 6 करोड़ चार लाख वोटर हैं। यहां वोटिंग की उम्र भारत की तरह ही 18 वर्ष निर्धारित है। इनमें 3 करोड़ दस लाख महिला वोटर जबकि दो करोड़ 92 लाख पुरूष वोटर हैं। इसमें 28 लाख वोटर ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार मतदान में हिस्सा लिया।
फोब्र्स मैग्जीन ने एंजेला मर्केल को करीब दस साल तक दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिला घोषित किया। जर्मनी एक पीढ़ी ऐसी भी है, जिसने एक महिला नेता के अलावा किसी और को नहीं जाना। एंजेला के प्रमुख कार्यों में जो उल्लेखनीय रहे हैं वह यूरो को बचाए रखना और 2008 की मंदी से बेहतर तरीके से निपटना शामिल था।
यह भी पढ़ें
-

तालिबानी सरकार पर अमरीका को आया गुस्सा, आंख दिखाते हुए बोला- तुम्हारी कथनी और करनी दोनों पर हमारी नजर

एंजेला मर्केल और उनकी वित्त मंत्री ने वर्ष 2008 में जर्मन नागरिकों को यह भरोसा देने के लिए संबोधित किया कि सरकार बैंकों में जमा उनकी बचत की गारंटी देगी। वहीं, यूरो संकट के दौरान ग्रीस को कर्ज में राहत देने के लिए यूरोपीय संघ से बातचीत की। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2015 में हंगरी में फंसे शरणार्थियों के लिए जर्मनी ने अपनी सीमा बंद नहीं करने का निर्णय लिया।

ट्रेंडिंग वीडियो